पहले मतदान,फिर पानी लेने पहुंची महिलाएं
भरतपुर. जिन विकास कार्यों के लिए मतदाता अपने क्षेत्र का जनप्रतिनिधि चुनते हैं, लेकिन कभी-कभी लगता है कि विकास उन तक पहुंचना तो दूर नजर तक नहीं आता है। ऐसा ही कुछ नजारा दिखा जब हम कामां विधानसभा क्षेत्र के गांव पथराली से वापस लौट रहे थे। रास्ते में एक हैण्डपंप पर कुछ महिलाएं पानी भरते मिली। उनसे पूछा तो बोली, वोट देकर पानी भरने आए हैं। मतदान होने से घेरलू काम में देरी हो गई। क्षेत्र में विकास पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि काये का विकास एक हैण्डपंप तक गांव में नहीं है बाबूजी…। गांव कान्हौर निवासी अफसाना का कहना था कि पीने के पानी के लिए पूरा गांव इस हैण्डपंप पर निर्भर है। ये भी सरकारी नहीं है साहब…। सिंचाई के लिए भी पानी नहीं मिल पाता है। जब उनसे पूछा नेताओं से क्यूं काम नहीं करवात। महिलाओं ने कहा कि यहां ऐसे ही चलता है, केवल वोट डालने के लिए कहा था साहब…उसे डालकर आ रहे हैं। हमें राजनीति ने कोई लेनो-देनो नहीं है।
जो योग्यता रखता है.. उसे दिया वोट
वोट देते समय शिक्षा व रोजगार ही दिमाग में रहा। उन्हें ही वोट किया जिनके के लिए यह मुद्दे अहम हैं। शहर ही नहीं पूरे देश में इस समय युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा की गुणवत्ता सबसे बड़ाा विषय है। हमें जो इसके लायक लगा, उसे ही वोट किया।-वंशिता जैन राजेंद्र नगर भरतपुर
मन की बात आज नहीं
वोट देते समय सुरक्षा और महंगाई ही जेहन में रही। हमारे लिए इससे ज्यादा क्या? मैं ही नहीं मेरे जैसी सभी महिलाएं यही सोचकर वोट करती हैं। हमें किसी से कोई शिकायत नहीं लेकिन मन की बात आज नहीं बताएंगे। जो ठीक प्रत्याशी लगा उसे ही वोट दिया।-नैंसी जैन निवासी कामां
जिद से वोट डालने आया, ये मेरा हक
मैं जिद से वोट करने आया हूं। बुढ़ापे में हमारी सबसे बड़ी चिंता अपनी बाकी जिंदगी की है। जो पार्टी या नेता हमें अपनी इस उम्मीद पर खरे दिखे, हमने उन्हें ही वोट किया। मैंने पार्टी को नहीं बल्कि उम्मीदवार को देखकर वोट किया है। -जगमोहन दत्रात्रेय निवासी वैर
गर्भवती ने किया मतदान
गर्भवती महिलाएं भी इस खुशी से पीछे नहीं थी। इसके चलते जवाहर नगर कॉलोनी निवासी नितेश कुमार गुप्ता की पत्नी गरिमा गुप्ता जवाहर नगर स्थित एक मतदान केंद्र पर अपनी गर्भावस्था में भी अपने पति व अन्य परिजनों के साथ मतदान करने पहुंची।