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भिलाई

BHILAI 23 करोड़ के फ्लाइ ओवर का विवाद 7 साल बाद सुलझा

अब उद्घाटन की तैयारी में जुटा BSP प्रबंधन.

भिलाईOct 14, 2021 / 11:55 pm

Abdul Salam

BHILAI 23 करोड़ के फ्लाइ ओवर का विवाद 7 साल बाद सुलझा

BHILAI 23 करोड़ के फ्लाइ ओवर का विवाद 7 साल बाद सुलझा

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने सेक्टर-1 के फ्लाईओवर को करीब 23 करोड़ में बनवाया था। 7 साल पहले यह फ्लाइ ओवर का काम मुकम्मल हो रहा था। तब समय पर काम पूरा नहीं होने की बात को लेकर बीएसपी प्रबंधन ने ठेकेदार को आरपीएन दिया। तब से अब तक लगातार दोनों के मध्य प्रो आर्बिट्रेटर के माध्यम से समझौता की कोशिश की जा रही थी। मामला अब सुलझ गया है। बीएसपी प्रबंधन नवंबर 2021 के पहले सप्ताह में इस फ्लाइ ओवर के लोकार्पण करने की तैयारी में जुटा है। प्रबंधन फ्लाइ ओवर के प्रकाश, रंग-रोगन के काम को अंजाम तक पहुंचा रहा है।

यह होगा फायदा
बीएसपी प्रबंधन तीन फ्लाइओवर के सहारे संयंत्र के बाहर आने और जाने वाले वाहनों को नई सुविधा देना चाहता है। सेक्टर-1 के इस फ्लाइ ओवर के शुरू हो जाने से बीएसपी के भीतर जाने वाले भारी वाहनों को मेनगेट के रास्ते से जाने की जरूरत नहीं होगी। वे राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर खुर्सीपार गेट से पटरीपार करेंगे और सेक्टर-1 की ओर आएंगे। यहां पर फ्लाइ ओवर से होकर भट्ठी थाना होते हुए बोरिया गेट की ओर चले जाएंगे। इससे सबसे बड़ा बीएसपी को यह फायदा होगा कि मेनगेट से होकर जाने वाले भारी वाहनों की संख्या कम हो जाएगी। इसके साथ-साथ सीआईएसएफ के आयुद्ध भंडार से बीएसपी के बोरिया गेट जाने वाली सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ेगा। एक्सपांशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसपी 73 करोड़ से तीन फ्लाइ ओवर बनवाना चाहती थी। सिंघला कंपनी ने टर्न की प्रोजेक्ट के तहत इस काम को लिया।

काम में देरी की वजह से प्रबंधन ने थमाया नोटिस
बीएसपी प्रबंधन ने सेक्टर-1 के इस फ्लाइओवर को एक्सपांशन के साथ शुरू किया। खुर्सीपार रेलवे फाटक से बीएसपी के बोरिया गेट के मध्य यह बनाया गया है। इसका काम 2013-14 में लगभग पूरा हो चुका था। फ्लाइओवर में देरी होने की वजह से प्रबंधन ने संबंधित कंपनी पर दावा ठोका। इसके बाद इस मामले को सुलझाने के लिए प्रो आर्बिट्रेटर को सौंप दिए।

एक बार ढह गया था फ्लाईओवर का एक हिस्सा
बीएसपी के एक्यूपमेंट चौक के समीप जब इस फ्लाइ ओवर का निर्माण किया जा रहा था, तब 2011 के दौरान इसका एक हिस्सा ढह गया था। तात्कालीन बीएसपी सीईओ पंकज गौतम ने तब कहा था कि बीएसपी की टीम ने जांच में पाया है कि फ्लाइओवर के दो कॉलम के सपोट के धसने से उक्त हिस्सा ढह गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद उक्त कंपनी को अधिकतम फाइन किए हैं।

भुगतान अटका तब दोनों में ठनी
खुर्सीपार से भट्टी थाना के मध्य तैयार किए। एक फ्लाइओवर का काम पूरा हुआ, तब कंपनी ने उसका भुगतान मांगा। प्रबंधन ने अन्य दो के काम की वजह से इसका भुगतान नहीं किया। इस पर ठेका कंपनी और बीएसपी के मध्य ठन गई। दोनों के मध्य मामले को सुलझान के लिए प्रो आर्बिट्रेटर के हाथ में सौंपा गया। जिसमें कॉरपोरेट ऑफिस से जीएम स्तर के अधिकारी, एक वकील और कंपनी की ओर से अफसर बैठकर मामले को सुलझाने कोशिश कर रहे थे, जिसमें आखिर सफलता मिल गई।

यह कहना है बीएसपी प्रबंधन का
बीएसपी की फ्लाइ ओवर ब्रिज क्रमांक-2 के निर्माण के लिए संबंधित ठेका कंपनी से वैधानिक व्यवधान उत्पन्न करने के कारण कार्य बीच में बाधित हुआ। जिसकी वजह से 2014 में लगभग निर्मित फ्लाइ ओवर ब्रिज क्रमांक-2 जो कि खुर्सीपार रोड से बोरिया चौक की ओर अवस्थित है, पर आवागमन शुरू नहीं किया जा सका। आगामी नवंबर 2021 के पहले हफ्ते में इस फ्लाइ ओवर को परिवहन के लिए उपलब्ध कर दिया जाएगा। इस फ्लाइ ओवर के बकाया सिविल और इलेक्ट्रिकल संबंधित कार्यों को सम्पन्न करने का काम अन्य एजेंसी को दिए हैं। जो सयंत्र के परियोजना विभाग के निगरानी में बचे जैसे संपर्क सड़क निर्माण, सिविल व बिजली संबंधित कार्यो को पूरा कर रही है। इस बीच इसके साथ ही बोरिया गेट के सामने भारी वाहनों के लिए एक पार्किंग क्षेत्र का भी निर्माण जारी है, जिससे संयंत्र कर्मियों व जन-मानस को इस क्षेत्र में अक्सर लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिल सकेगा।

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