मैं एक सिलिंग पंखा की कंपनी के लिए मार्केटिंग करता हंू। दुर्ग में एक कस्टमर से मिलने जा रहा था। चौक पर सिग्नल रेड होने के कारण खड़ा था। सिग्रल ग्रीन हुआ ही था कि मुझे अचानक ठोकर लगने का एहसास हुआ। इसके बाद फिर क्या हुआ मुझे कुछ पता ही नहीं चला। लोग जब मुझे सड़क से उठाकर किनारे ले गए तब सुध आया कि मैं तो मौत के मुंह से बच आया हंू। यह बताते ही डोगेंद्र की जुबां फिर कंपकपाने लगी। जिसने भी इस घटना को देखी सभी ने ऊपर वाले का शुक्र गुजार किया।
घटना के बाद भी ट्रक चालक ने गाड़ी नहीं रोकी। वह तेजी से भाग निकला। मौके पर मौजूद पत्रिका के फोटो जर्नलिस्ट गणेश निषाद ने एक बार फिर अपनी मानवीय संवेदना व सामाजिक सरोकार का परिचय देते हुए चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिस को बिठाकर ट्रक का पीछा किया। तीन किलोमीटर दूर नेहरू नगर चौक के पास जाकर ट्रक चालक पकड़ा गया। उसे पकड़कर सुपेला पुलिस के सुपुर्द किया। ज्ञात हो कि कुछ महीने पहले एक दुर्घटना में पूरा परिवार कार में ही फंस गया था तब गणेश ने ही कार के सामने का ग्लास तोड़कर परिवार को बाहर निकालने में मदद की थी।