भूख प्यास से 400 से भी अधिक गायों की मौत दुर्ग जिले के राजपुर स्थित शगुन और बेमेतरा जिले के रानो गांव के मयूरी व फूलचंद गौशाला गोड़मर्रा में भूख प्यास से 400 से भी अधिक गायों की मौत हो गई थी। हालांकि हरीश ने अपनी पत्नी और मां को इन गौशालाओं का अध्यक्ष बनाया है, लेकिन इन सभी गौशालाओं के प्रमुख कर्ताधर्ता हरीश खुद ही थे। 19 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद से वे अभी भी दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद है। इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सांवला राम डाहरे ने तत्काल हरीश को पार्टी से निकाल दिया, लेकिन एक्ट में ऐसे जनप्रतिनिधि का पद पर बने रहना उचित नहीं है, का प्रावधान होने के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
छह महीने से पालिका नहीं गया तीन सामान्य सभा में नदारद हरीश पिछले छ: महीने से परिषद की गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ है। उन्होंने अपनी अनुपस्थिति के बारे में न तो पालिका प्रशासन को जानकारी दी है और न ही परिषद से अवकाश की अनुमति मांगी है। १६ मई, १ सितम्बर और २८ अक्टूबर को हुई पालिका की सामान्य सभा की बैठक में भी वे उपस्थित नहीं थे।
यह है नियम छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम १९६१ की धारा ४८ में प्रावधान है कि यदि कोई अध्यक्ष या उपाध्यक्ष रुग्णता या किसी अन्य कारण से अपने पद से तीन माह से अधिक कालावधि तक परिषद की इजाजत के बिना अनुपस्थित रहता है, तो वह यथा स्थिति अध्यक्ष या उपाध्यक्ष नहीं रह पाएगा। उसका पद रिक्त हो जाएगा।