गगन के पिता अतुल दलाल व मां पूर्वी भी पेशे से डॉक्टर ही हैं। बता दें कि इससे पहले नीट के नतीजे में भी गगन प्रदेश में प्रथम रहा है। उन्हें नीट (NEET) में 242 रैंक मिली थी। गगन ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका सपना एम्स दिल्ली से एमबीबीएस करने का है। इस तरह इस होनहार के विश्वास से आखिर रंग दिखाया। गगन ने एम्स और नीट की तैयारी भिलाई के एपेक्स क्लासेस से की है।
धनंजय चंदेल ने ओबीसी केटेगरी में 28 और सामान्य में 196 रैंक हासिल की है। बता दें कि यह वही शिक्षाकर्मी पिता का बेटा है, जिसने सिर्फ पढऩे के लिए बैंक लोन लिया। उसी पैसे से अपनी कोचिंग की फीस भरी। परिवार में आर्थिक कमजोरी होने के बावजूद इस होनहार ने पिता से वादा किया था कि वह एम्स (AIIMS) में कमाल दिखाएगा। धनंजय ने कहा कि देश में न्यूरो सर्जन की बहुत कमी हैं, मैं उसी क्षेत्र में आगे बढऩा चाहता हूं।
एम्स (All India Institute of Medical Sciences) की अधिकृत वेबसाइट पर पहले कहा गया था कि इस परीक्षा का रिजल्ट सुबह 10 बजे के आसपास आएगा। इस वजह से विद्यार्थी कंप्यूटर स्क्रीन पर नजर जमाए बैठे रहे, पर एम्स ने रात करीब 10 बजे रिजल्ट जारी किए। इसके बाद एम्स की वेबसाइट पर एकाएक दबाव बढ़ता चला गया। इस वजह से विद्यार्थियों को अपना परिणाम देखने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ी। बता दें कि एम्स प्रवेश के लिए परीक्षा 26 मई को दो पालियों में ली गई, जिसमें भिलाई-दुर्ग से करीब तीन हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
पहले नीट और अब एम्स (AIIMS) के नतीजे इस बात के गवाह हैं कि अब भिलाई के कोचिंग संस्थान कोटा से कम नहीं है। इस साल बने इतिहास में शहर के कोचिंग संस्थानों ने बड़ी भूमिका निभाई है। अगर, आपका लाडला भी इन परीक्षाओं की पढ़ाई में जुटने को तैयार हैं तो नतीजे देखने के बाद आप खुद तय कीजिए… क्या अब भी भेजेंगे अपने लाडले को राजस्थान कोटा। संचालक एपेक्स क्लासेस आशुतोष माहेश्वरी ने बताया कि गगन दलाल ने एआइआर-7 हासिल किया है। अपने शहर के साथ-साथ प्रदेश के लिए यह पहली मर्तबा है। धनंजय ने भी केटेगरी में 28वां रैंक हासिल किया है।
अनारक्षित सूची की पहली काउंसलिंग के लिए कटऑफ 99.3152787 है।
ओबीसी एनसीएल के लिए कटऑफ 98.7410432 है।
ट्विनसिटी से करीब तीन हजार विद्यार्थियों ने दो पालियों में भिलाई-3 के एक केंद्र में 26 मई को परीक्षा दी।
7वें रैंक के साथ गगन का एम्स दिल्ली में प्रवेश तय है।
देर रात कोचिंग संस्थानों से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस साल प्रदेश से करीब एक दर्जन ने क्वालिफाई किया।