सेक्टर-4 और सेक्टर-6 दोनों ही मंदिरों में नेत्र उत्सव मनाया गया। सेक्टर-4 मंदिर समिति के महासचिव सत्यवान नायक ने बताया कि मंदिर में सबसे पहले अधिवास पूजा हुई। इसके बाद आसन का संस्कार हुआ।
साथ ही भगवान के नए कपड़ों की भी पूजा की गई और विग्रह के संस्कार के बाद पुजारी पितवास पाढ़ी ने कुछ गुप्त संस्कार भी किए। जिसके बाद नए कपड़े पहनकर महाप्रभु ने भक्तों को दर्शन दिए।
इस उत्सव को सफल बनाने में जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र सतपथी व महासचिव सत्यवान नायक सहित समिति के पदाधिकारी बसंत प्रधान, डी त्रिनाथ, अनाम नाहक, भीम स्वांई, त्रिनाथ साहू, सुषांत सतपथी, बीसी बिस्वाल, वृंदावन स्वांई, प्रकाश दास, कालू बेहरा, निरंजन महाराणा, रंजन महापात्र, एससी पात्रो, बीस केषन साहू, कवि बिस्वाल, रमेश कुमार नायक, सीमांचल बेहरा, सुदर्शन शांती, संतोष दलाई, शंकर दलाई, प्रकाश स्वांई, कैलाश पात्रो ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष करेंगे छेरापंहरा की रस्म : महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा में शुक्रवार को छेरा पंहरा की रस्म पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय निभाएंगे। पुरी में यह परम्परा पुरी के महाराज करते है। छेरा पंहरा की रस्में 1 बजे से शुरू होगी और रथयात्रा सेक्टर 4 से सेक्टर 10 गुंडिचा मंडप को जाएगी।
वैदिक मंत्रों के साथ खुली आंखें
नेत्र उत्सव के बारे में सेक्टर 6 मंदिर के गजेन्द्र पंडा ने बताया कि आषाढ़ कृष्ण एकादशी से जगन्नाथ पुरी से आए विशेष चित्रकार मूर्तियों की रंगाई करते हैं और मंदिर के पुजारी ततचक्षु नामक वैदिक मंत्र का पाठ करते हैं। जिससे भगवान की आंखे खुलती है। मंदिर में मुख्य पुजारी पंडित तुषार कांत महापात्र ने विधान से पूजा कराई।
मौसी के घर जाने को तैयार
बुधवार को महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर के पट खोले गए। सेक्टर 4 मंदिर में यह विधान मंदिर के पुरोहित पित्तवास पाड़ी ने कराई। उन्होंने बताया कि अब महाप्रभु अपने रथयात्रा के लिए तैयार हो चुके हैं। शुक्रवार को उनकी रथयात्रा, सेक्टर 4 से दोपहर 1 बजे निकाली जाएगी, जो सेक्टर-10 स्थित भव्य गुंडीचा मंडप तक जाएगी। यहां महाप्रभु अपने भाई और बहन के साथ 9 दिनों तक विराजमान रहेंगे।