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भिलाई

बालोद उपजेल का निरीक्षण करने पहुंची टीम, जेल के कैमरे बंद, बिना प्रहरी का वॉच टॉवर

जिले में गठित अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी बुधवार को केंद्रीय उप जेल बालोद का पहली बार निरीक्षण करने पहुंची।

भिलाईDec 21, 2017 / 12:59 pm

Dakshi Sahu

patrika
बालोद. जिले में गठित अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी बुधवार को केंद्रीय उप जेल बालोद का पहली बार निरीक्षण करने पहुंची। जहां खामियां ही खामियां पकड़ी गई। सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए जेल परिसर के कई कैमरे बंद मिले। वाच टॉवर पर कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं मिला, वहीं जल व्यवस्था, भोजन, सफाई व बंदियों के बैठने, सोने के स्थान,ओढऩे-बिछाने के कपड़े की भी स्थिति बद्तर थी।
अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद, अतिरिक्त कलेक्टर बालोद एके धृतलहरे, एसपी दीपक कुमार झा एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ. सुमित कुमार सोनी सहित जिले के अन्य अधिकारी उप जेल के हर कोने का निरीक्षण किया। हर दृष्टि से सुरक्षा को आंका।
इन्हें माना कमेटी ने निम्न स्तर का
निरीक्षण में जेल की बैरकों में बंदियों के रहने का स्थान निम्नतर होना पाया गया। वर्तमान में उप जेल में 110 बंदियों की क्षमता के विरूद्ध 138 बंदी निरूद्ध होने से नए बैरक में उन्हें शिफ्ट करने के लिए निर्देशित किया गया। कमेटी द्वारा उप जेल में बंदियों को उपलब्ध कराए जाने वाले जल की व्यवस्था को उचित माना गया। जगह-जगह टैंक बनाए मिले। कुछ स्थानों पर ओवर हैड टैंक स्थापित है जिससे साफ-सफाई, रसोई, स्नान व शौचालय का जल बंदियों को उपलब्ध कराया जाना पाया गया।
निरूद्ध बंदियों को साफ एवं अच्छे कपड़े उपलब्ध कराए गए मिले। सम्पूर्ण जेल परिसर में समुचित सफाई होना पाया। जेल परिसर में जगह-जगह पौधों के बगीचे विकसित हैं। कमेटी द्वारा जेल प्रशासन को शुद्ध पेयजल एवं आरओ की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए। वहीं बंदियों के कंबल व चादर नियमित रूप से सफाई कराने, ठंड से बचने के लिए विचाराधीन बंदी को 2-2 कंबल देने को कहा गया।
मच्छर के पनपने व बीमारी फैलने की सुरक्षा को देखते हुए नालियों में दवाई छिड़काव करने व टायलेट फिनाईल से साफ करने के निर्देश दिए गए। बैरकों की खिड़की, दरवाजों में जेल मेनुअल के अनुसार जाली लगाने कहा गया जिससे मच्छर एवं छोटे कीड़ों से बंदी बच सके। चाराधीन बंदियों को वर्तमान में रोटी या चावल दोनों में से एक चीज मिलती है, अब उन्हें रोटी व चावल दोनों उनके मात्रानुसार देने की व्यवस्था करने निर्देशित किया गया।
यहां मिली खामियां
उप जेल में काफी समय से जेल के पीछे बने टॉवरों पर पहरी काम नहीं करते पाए गए। जेल में लगे सीसीटीवी कैमरा खराब पड़ा मिला। इसलिए व्यवस्था की सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था के निर्देश दिए गए। जेल के चारों ओर बने टॉवरों पर पहरी की व्यवस्था करने एवं सीसीटीवी कैमरा बनवाने के लिए निर्देशित किया गया। जाली लगाने कहा गया। बंदियों के उपचार के लिए अस्पताल उपलब्ध है, जहां एक फार्मसिस्ट की नियुक्ति की गई है, लेकिन वह उपस्थित नहीं होते। बंदियों के उपचार के लिए जिला चिकित्सालय से अंशकालिक चिकित्सक नियुक्त किया गया है वो भी उपस्थित नहीं होते।
वीडियो कांफ्रेंस से भी होगी सुनवाई
वर्तमान में उप जेल में विडियो कांफ्रेंस का इंटरनेट व्यवस्था ठीक है। जिसके कारण जेल में निरूद्ध विचाराधीन बंदियों की उपस्थिति न्यायालयों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किया जा रहा है, जहां रोशनी की व्यवस्था तत्काल करने निर्देश दिया गया। इससे निरूद्ध विचाराधीन बंदियों को जेल प्रशासन को जेल में स्थापित वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबंधित न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई की जा सके। इस दौरान बल की कमी से पेशी तिथि पर बंदी उपलब्ध न होने पर भी न्यायालय में लंबित प्रकरण के निराकरण में तेजी लाई जा सके।
उप जेल में वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा है। वर्तमान में टे्रड प्लम्बर एवं मेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कमेटी द्वारा उक्त टे्रड के अलावा अन्य टे्रड का ट्रेनिंग प्रदान करने निर्देशित किया गया। जेल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा विधिक सहायता क्लीनिक कार्यरत है, जहां 1 पैनल लायर्स 1 पैरालीगल वालिंटियर्स बंदी सहित सप्ताह में बुधवार एवं रविवार, सोमवार एवं शुक्रवार को अपनी सेवा उपलब्ध कराते हैं। क्लीनिक द्वारा अक्टूबर 2017 से दिसम्बर 2017 में कुल 265 बंदियों को सलाह प्रदान की गई है तथा 9 अभिरक्षाधीन बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराया गया है।
उपजेल में खेल-कूद/मनोरंजन की कोई व्यवस्था पूर्व में उपलब्ध नहीं होने से कमेटी द्वारा विचाराधीन बंदियों में खेल को प्रोत्साहन देने निर्देश दिया गया था, तब जेल में बॉली-बॉल खेल खेलने की व्यवस्था की गई है। आज विचाराधीन बंदी द्वारा वालीबॉल खेलते हुए देखे गए जहां उनमें खेल के प्रति रूझान उत्पन्न होते अच्छा लगा।
उपजेल में ज्ञान वर्धक पुस्तिका बंदियों के लिए उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। उप जेल बालोद में वर्तमान में अवयस्क बंदियों की संख्या निरंक है। कमेटी द्वारा आदेश किया गया कि बंदियों को जेल में प्रवेश करते समय उनकी आयु पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए जिससे अवयस्क बंदियों का दाखिला जेल में न हो सके।

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