जिला एवं सत्र न्यायालय के अभियोजक एमआर कुरैशी ने बताया कि मामला 5 जून 2017 की है। दल्लीराजहरा थाना अंतर्गत शाम 5 बजे आरोपी झग्गर यादव पिता जीवन लाल 48 साल निवासी टीचर कालोनी दल्लीराजहरा शाम पांच बजे नाबालिग को घुुुुमाने के बहाने साइकिल पर बिठाकर ले गया। आरोपी ने बच्ची को खर्रीटोला मुरूम खदान ले जाकर मुंहकाला किया और बच्ची की बेदर्दी से हत्या कर दी। घटना के दिन शाम तक बच्ची घर नहीं आई तब खोजबीन के बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखाई थी।
गुशुदगी की रिपोर्ट के बाद खोजबीन शुरू हुई। 6 जून को खर्रीटोला के जंगल मुरूम खदान के पास झाड़ी में बच्ची का शव पुलिस को ढंका हुआ मिला। इसके बाद आरोपी की तलाश में बच्ची के पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि झग्गर ने बच्ची को साइकिल में बिठाकर ले गया था। पुलिस को इसी जानकारी ने आरोपी तक पहुंचाया और उसे गिरफ्तार किया।
दुष्कर्म के बाद हत्या की बहुचर्चित मामले की सुनवाई न्यायालय में 19 महीने तक चली। 19 फरवरी सोमवार शाम 5.30 बजे आरोपी को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 302, 366, 376, 201 व पॅाक्सो एक्ट के तहत सत्र न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई गई।