बालोद जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भोथली में बूढ़ादेव नामक धार्मिक स्थल हैं। वहां पर आधा दर्जन पेड़ों के झुंड के बीच में एक चबूतरे पर दो घोड़े और भगवान शंकर का ***** और नाग की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। ग्रामीणों की मानें तो यह धार्मिक स्थल आदिकाल से है। जो खुले आसमान के नीचे स्थित है। जहां सर्पदंश का इलाज किया जाता है।
बताया जाता है कि यहां पर किसी भी सर्पदंश से पीडि़त को लाने से वह बच जाता है। पीडि़त का इलाज सिर्फ भभूत के माध्यम से किया जाता है। शर्त यह होती है कि पीडि़त की सांसे चल रही हो, तब इलाज किया जाता है और बचने की ग्यारंटी रहती है। यह मान्यता क्षेत्र के अलावा दूर-दराज के गांवों में प्रचलित है। सैकड़ों किलोमीटर से सर्पदंश पीडि़तों को यहां बचने की उम्मीद में लाते हैं। लोगों की मान्यता भी पूरी होती है।