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भिलाई

मौत कैसे आती है सांप काटने से इलाज के बाद बच गया फिर तालाब में गिरने से जान चली गई

30 साल के युवक को पहले सांप ने काटा, इलाज कराया तो जान बच गई। उसके कुछ घंटे बाद तालाब में डूबने से उसकी जान चली गई।

भिलाईNov 03, 2017 / 12:08 am

Satya Narayan Shukla

Snake bite
बालोद@पत्रिका. एक 30 साल के युवक को पहले सांप ने काटा, इलाज कराया तो जान बच गई। उसके बाद कुछ घंटे बाद तालाब के पानी में डूबने से उसकी जान चली गई। घटना एक नवंबर की है जहां मृतक संजय कुमार पिता राधेश्याम ग्राम फरसगांव, जिला कोंडागांव का निवासी है। उसे सांप ने काट दिया था। वह इलाज कराने भोथली बूढ़ादेव मन्दिर आया था। जहां झाडफ़ूंक करने पर वह ठीक हो गया। उसके बाद वह किसी काम से नेवारीकला चला गया। उसी दिन शाम पौने पांच बजे वापस भोथली आया, पर परिजन को दिखाई नहीं दिया, तो खोजबीन शुरू की। गुरुवार की सुबह पांच बजे संजय पानी में डूबा मिला। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। परिजन ने बताया मृतक पहले से ही मिर्गी का मरीज था। अनुमान लगाया जा रहा है कि तालाब में हाथ-पैर धोने गया होग, इसी दौरान अचानक मिर्गी आने से तालाब में गिर गया होगा, जिससे उसकी मौत हो गई होगी।
यहां सर्पदंश का होता है इलाज
बालोद जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भोथली में बूढ़ादेव नामक धार्मिक स्थल हैं। वहां पर आधा दर्जन पेड़ों के झुंड के बीच में एक चबूतरे पर दो घोड़े और भगवान शंकर का ***** और नाग की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। ग्रामीणों की मानें तो यह धार्मिक स्थल आदिकाल से है। जो खुले आसमान के नीचे स्थित है। जहां सर्पदंश का इलाज किया जाता है।
मान्यता और उपचार की विधि
बताया जाता है कि यहां पर किसी भी सर्पदंश से पीडि़त को लाने से वह बच जाता है। पीडि़त का इलाज सिर्फ भभूत के माध्यम से किया जाता है। शर्त यह होती है कि पीडि़त की सांसे चल रही हो, तब इलाज किया जाता है और बचने की ग्यारंटी रहती है। यह मान्यता क्षेत्र के अलावा दूर-दराज के गांवों में प्रचलित है। सैकड़ों किलोमीटर से सर्पदंश पीडि़तों को यहां बचने की उम्मीद में लाते हैं। लोगों की मान्यता भी पूरी होती है।
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