मृतक श्रमिक फर्नेस में एसजीपी के नीचे पंप का अलायमेंट ठीक कर रहा था। जिस टेलफर क्रेन को उठाया था, वह श्रमिक के ऊपर गिर गया। उसे पहले संयंत्र में मेन मेडिकल पोस्ट ले जाया गया। हलत गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने तत्काल पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र सेक्टर 9 रेफर कर दिया। रात करीब साढ़े 11.20 बजे उसकी मौत हो गई।
गुरुवार सुबह मृतक ठेका श्रमिक के परिजन सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। उन्होंने फिलहाल शव लेने से इंकार कर दिया है। प्रतिनिधि यूनियन सीटू के नेता भी बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं। वे हादसे के बाद भी ठेकेदार वीवी सिंह के नहीं पहुंचने पर नाराजगी जता रहे हैं। वे तत्काल मुआवजा देने और प्रबंधन की ओर से आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति की घोषणा की मांग कर रहे हैं।
यूनियन नेतााओं ने संयंत्र में बार-बार हादसे पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि लगातार दुर्घटनाओं के बाद भी प्रबंधन कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। प्रबंधन को केवल अपने परफॉर्मेंस की पड़ी है। कर्मियों की जान जोखिम में डालकर काम ले रहा है। अब सीधे जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे। तब जाकर श्रमिकों को न्याय मिलेगा।
भिलाई इस्पात संयंत्र में लगातार हादसे बढ़ रहे हैं। बावजूद बीएसपी प्रबंधन इस ओर कोई कड़ा रूख अख्तियार नहीं कर रहा है। सेफ्टी नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदार श्रमिकों को प्लांट के अंदर काम के लिए भेज देते हैं। जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान से हाथ धोकर भुगतना पड़ रहा है। इधर मृतक के परिजनों ने बीएसपी प्रबंधन को कठघरे में खड़ा करते हुए न्याय की मांग की है। बावजूद न ठेकेदार अभी तक अस्पताल पहुंचा है और न ही प्रबंधन की ओर से कोई जवाबदार व्यक्ति परिजनों से बातचीत करने पहुंचा है। ऐसे में परिजन काफी आक्रोश में है।