2013-14 में जब शासन ने औद्योगिक क्षेत्र में केमिकलयुक्त पानी की समस्या के निराकरण के लिए प्लान बनाने कहा तब इंजीनियरों ने मोरिद जलाशय में पानी की कमी होने के बाद भी व्यवस्था के विकल्प पर ध्यान नहीं दिया। उस समय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसआर राणा और निगम के तात्कालीन अधीक्षण अभियंता जीएस ताम्रकार इस प्रोजेक्ट को देख रहे थे। उनके नेतृत्व में ही मोरिद जलाशय के पानी को फिल्टर कर छावनी वार्ड के घरों तक सप्लाई की योजना बनाई, जैसे ही जलाशय में पानी कम होता है, फिल्टर प्लांट बंद हो जाता है।
शासन से फंड मिलने के बाद 2.25 करोड़ रुपए की लागत से १.५ एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लांट बनाया। रॉ वाटर की सप्लाई के लिए मोरिद जलाशय से छावनी तक राइजिंग पाइप लाइन बिछाई गई। घरों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए ९०० मीटर सर्विस पाइप लाइन भी बिछाई गई। लोक सुराज अभियान के अंतर्गत १६ मई २०१६ को पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने इसका लोकार्पण किया।
शासकीय स्कूल छावनी के बाजू के मैदान में फिल्टर प्लांट बनाया। १.५ एमएलडी क्षमता का संपवेल बनाया गया। पंप हाउस बनाया गया। पावर सप्लाई के लिए हैवी ट्रांसफार्मर भी लगाया गया। सुरक्षा के लिए चारो तरफ बाउंड्रीवाल बनाई गई।
२०० और ३०० मिली मीटर व्यास के ९०० मीटर लंबा सर्विस पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन मात्र१४७ घरों में नल कनेक्शन दिया। ४-५ महीने पानी मिला। प्लांट बंद होते ही सप्लाई बंद हो गई। प्रोजेक्ट के मुताबिक ४६७ घरों तक पानी पहुंचाने की योजना थी।मोरिद जलाशय से फिल्टर प्लांट में रॉ वाटर की सप्लाई के लिए पंप हाउस में ४०-४० हॉर्स पावर के तीन सबमर्सिबल पंप लगाया गया है। पानी की कमी की वजह से तीनों पंप इंटकवेल में बंद पड़े हैं।
लोकार्पण के सालभर भर बाद अमृत मिशन योजना के अंतर्गत छावनी में ३२ लाख लीटर क्षमता की टंकी बनाने की स्वीकृति मिली। टंकी बनकर तैयार हो गई है। इस टंकी को ७७ एमएलडी फिल्टर प्लांट के पानी से भरा जा रहा है। अमृत मिशन और पुरानी सर्विस लाइन से १२०० लोग नल कनेक्शन लेने के लिए तैयार भी हो गए हैं। कनेक्शन देने के साथ पानी की सप्लाई भी शुरू हो गई है। इस तरह से नई टंकी बनने के बाद सवा दो करोड़ के फिल्टर प्लांट की उपयोगिता नहीं रह जाएगी।