अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित कुमार झा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में गिरोह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपी राजनांदगांव केंद्रीय सहकारी बैंक के पास एटीएम कार्ड बदलकर 20 हजार रुपए की धोखाधड़ी कर फरार हो गए थे। आरोपियों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। राजनांदगांव पुुलिस ने आरोपियों के फुटेज को सोशल मीडिया और पुलिस ग्रुप में वायरल कर दिया। एसपी प्रखर पांडेय ने सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने कहा था। नंदिनी थाना में डायल 112 पर तैनात आरक्षक विरेंद्र ने महंगी स्पोट्र्स बाइक पर सवार इनमें से दो युवकों को देखा।
बाइक का नंबर यूपी का था। रंग भी वही था जो राजनांदगांव की घटना में इस्तेमाल हुई थी। विरेंद्र ने बताया कि दोनों युवक एटीएम के पास घुम रहे थे। शंका के आधार पर उनसे पूछताछ की। तभी पीछे बैठा राम अवतार भागने की कोशिश की, लेकिन वे दोनों को दबोचकर थाने ले गया। पत्रवर्ता में छावनी सीएसपी विश्वास चंद्राकर, क्राइम डीएसपी प्रवीरचंद्र तिवारी, भिलाई नगर सीएसपी अजीत यादव, प्रशिक्षु डीएसपी उन्नति ठाकुर, नंदिनी टीआई जीतेन्द्र वर्मा, भिलाई नगर टीआई राजेश बागड़े, खुर्सीपार टीआई प्रणाली वैद्य, टीआई गौरव तिवारी, छावनी टीआई विनय सिंह उपस्थित रहे।
सुपेला में किराए के मकान में रहते थे
पहले सभी उत्तर प्रदेश में एटीएम से पैसा निकालने के मामले में जेल गए। वहां से छुटने के बाद खुर्सीपार में अपने भाई के यहां आ गया। आरोपी संदीप कुमार राजभर का भाई खुर्सीपार में रहता है। 17 अक्टूबर को यूपी से रामअवतार राजभर अपनी बाइक यूपी 62 बीएम 4617 को बरैनी गोंदिया में बुक कर लाया था। उसके साथ आरोपी धर्मेन्द्र भी आया। संदीप दोनों को सुपेला में किराए का मकान लेकर रखा था। वे यहां फर्नीचर और वेल्डिंग दुकान में काम करते थे। 18 अक्टूबर को राजनांदगांव में वारदात को अंजाम दिया। राम अवतार और संदीप पहले अन्य जिले में वारदात को अंजाम दे चुके है।
रेकी कर बुजुर्गों को बनाते थे निशाना
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे एटीएम की रैकी करते थे। जब कोई बुजुर्ग आता था और उसे पैसे निकालने में असुविधा होती तो उनकी सहायता करते थे। उनके एटीएम से पैसे निकालकर दे देते थे, लेकिन सफाई से एटीएम पिन कोड जान लेते थे और अपने पास रखे अन्य बैंक के एटीएम कार्ड को बदल लेते थे।