हो जाएगी।
महामाया के नाम से नामांकित संयंत्र के नए ब्लास्ट फर्नेस अत्याधुनिक डिजाइन से तैयार किए हैं। जिसका विस्तार क्षेत्र 4060 क्यूबिक मीटर है। प्रतिदिन 8030 टन के साथ वार्षिक हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 2.8 मिलियन टन है। इस नए ब्लास्ट फर्नेस के शुरू हो जाने से बीएसपी से वर्तमान में हर साल 5 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन से 7.5 मिलियन टन उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी।
नए ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक-8 में कास्ट हाउस व स्टॉक हाउस डिडस्टिंग सिस्टम, टॉप रिकवरी टर्बाइन, (टीआरटी), पल्वराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई), कार्बन ब्लाक के माध्यम से माडर्न हीट ट्रांसमिशन सिस्टम, सिरेमिक कप, एसजीआई, क्यू-स्टैव और अत्याधुनिक तकनीक से एनर्जी-एफिशिएंट व प्रदूषण नियंत्रण उपकरण है, जिसमें वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम भी शामिल है।
२४ घंटा पूरा होने के बाद ब्लास्ट फर्नेस-8 से शुरू में स्लैग निकलेगा। इसके बाद हॉट मेटल व स्लैग मिक्स होकर निकलेगा। कुछ दिनों बाद प्योर हॉट मेटल व स्लैग अलग-अलग निकलने लगेगा। इस फर्नेस में सब कुछ एक कंट्रोल रूम से संचालित किया जा रहा है। बीएसपी के सीनियर व अनुभवी कर्मचारियों की देखरेख में फर्नेस में ऑपरेशन का पूरा काम हो रहा है।
बीएसपी आरएसएम व यूआरएम के सहयोग से भारतीय रेलवे की बढ़ती मांग को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हो जाएगा और मुनाफा में इजाफा होगा। सीईओ ने टीम भिलाई पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि संयंत्र के कर्मठ कार्मिकों ने हर क्षण प्रतिबद्धता के साथ सहयोग किया है। भिलाई की सृजनात्मक कार्यसंस्कृति बहुत जल्द ही उत्कृष्टता के साथ अपनी साख को बनाए रखने में सफल होगी।
ब्लास्ट फर्नेस-8 में जिस प्वॉइंट पर टारपीडो लेडल को खड़ा किया जाएगा, वहां सेंसर लगाया गया है। टारपीडो लेडल जब तक उस प्वॉइंट पर खड़ा नहीं होगा, तब तक उसमें हॉट मेटल जाना शुरू नहीं होगा। टारपीडो लेडल में कितना हॉट मेडटल पहुंच चुका है और कितना स्थान है, यह भी कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी व कर्मचारी को जानकारी मिलती रहेगी। टारपीडो लेडल भर जाने के बाद संकेत मिलने लगेगा। इसके बाद उसे बंद कर दिया जाएगा।