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भिलाई

BSP के लिए उम्मीदों की किरण लेकर आया बजट, मिल सकता है सालाना 15 लाख टन रेलपांत का ऑर्डर

जट में केंद्र सरकार ने रेलवे, रक्षा, सड़क, फ्लाइओवर, विमानन, जलमार्ग, अंतरिक्ष, सागरमाला परियोजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया है। ये सभी क्षेत्र सीधे तौर पर इस्पात उत्पादों के खपत से जुड़े हैं।

भिलाईFeb 02, 2019 / 03:27 pm

Dakshi Sahu

patrika

BSP के लिए उम्मीदों की किरण लेकर आया बजट, मिल सकता है सालाना 15 लाख टन रेलपांत का ऑर्डर

भिलाई. मंदी के दौर से उबर रहे भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए वित्त वर्ष 2019-20 का यह अन्तरिम बजट उम्मीदों की नई किरण लेकर आया है। अपने बजट में केंद्र सरकार ने रेलवे, रक्षा, सड़क, फ्लाइओवर, विमानन, जलमार्ग, अंतरिक्ष, सागरमाला परियोजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया है। ये सभी क्षेत्र सीधे तौर पर इस्पात उत्पादों के खपत से जुड़े हैं।
सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया
इनसे जुड़ी परियोजनाएं आने वाले दिनों में देश में इस्पात खपत बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। इसका सीधा फायदा हमारे भिलाई इस्पात संयंत्र को होगा। बजट में सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि 1,58 ,6 58 करोड़ रुपए का प्रावधान कैपिटल खर्च के रूप में किया है। इससे भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ रेल यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
बजट में नई लाइनों के निर्माण के लिए 7255 करोड़ रुपए की निधि आवंटित की गई है। 2200 करोड़ रुपए आमान परिवर्तन, और दोहरीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए, का प्रावधान रखा गया है। इसमें भिलाई स्टील प्लांट द्वारा उत्पादित रेल एवं सेल की दूसरी इकाई में बनने वाले व्हील-एक्सेल समेत अन्य इस्पात उत्पादों की बड़ी ात्रा में जरूरत पड़ेगी।
भिलाई पर है सबको भरोसा
भिलाई स्टील प्लांट ने भूकंप रोधी (ईक्यूआर) और जंगरोधी विशेष टीएमटी का उत्पादन करता है। अन्य निजी कंपनियों के उत्पादों की तुलना में भिलाई के इस विशेष उत्पाद टिकाऊ और भरोसेमंद माना जाता है। देश की अन्य कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में भिलाई के उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी परियोजनाओं में भी अब भिलाई के प्लेट एवं बार, राड व अन्य मर्चेंट उत्पादों की डिमांड बढ़ेगी।
बीएसपी को उम्मीदें इसलिए
भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल तथा यूनिवर्सल रेल ने भारतीय रेलवे को जनवरी, 2019 में रेकॉर्ड 1,03,234 टन रेलपांत की आपूर्ति की है। इसके साथ ही सेल, भारतीय रेलवे को रेल-आपूर्ति की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। इतना ही नहीं अब मेट्रो के लिए उपयोग किए जाने वाले हार्ड कोर रेलपांत तैयार करने की दिशा में बढ़ रही है। फिलहाल रेलवे ने ११.४५ लाख टन रेल का आडॅर मौजूदा वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के लिए दिया है। नई रेल बिछाने व दोहरीकरण से बीएसपी को अब सालाना लगभग 15 लाख टन रेलपांत का ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
देश में इस्पात खपत को मजबूती मिलेगी
बजट को इस्पात क्षेत्र के लिए आशाजनक बताते हुए सेल के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा है कि रक्षा और अन्तरिक्ष सुरक्षा के अलावा सरकार का स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर भी विशेष रूप से ज़ोर है। इस क्षेत्र में सुविधाओं का विकास भी इस्पात के उपभोग से सीधे जुड़ा हुआ है। सरकार ने लोगों की आमदनी बढ़ाने के उपाय के साथ-साथ घर निर्माण को आसान बनाया है और उस पर कर प्रावधानों में कुछ छुट भी दी है, इससे भी देश में इस्पात खपत को मजबूती मिलेगी।
्चारधाम प्रोजेक्ट पर बीएसपी की सरिया
चारधाम प्रोजेक्ट के साथ-साथ देशभर के ब्रिज का नवीनीकरण सेल के इस्पात से होगा। 26 .9 किलोमीटर लंबा व 128 मीटर चौड़ी सड़क बांद्रा-वर्ली मुंबई समुद्र सेतु निर्माण बीएसपी में तैयार भूकंप व जंगरोधी 36 -40 मिमी. मोटी बार एंड राड से हुआ है। गंगा नदी पटना और मुंगेर के बीच देश का सबसे लंबा टू-टायर रेल कम रोड ब्रिज में स्टील की सप्लाई की है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) वातावरण में मौजूद अति सूक्ष्म न्यूट्रिनो का पता लगाने तमिलनाडु में इंडिया बेस्ड न्यूट्रिनो ऑब्जर्वेटरी (आईएनओ) के सुरंग में लगने वाले उच्च क्षमता वाले सॉफ्ट आयरन मैग्नेटिक मटेरियल युक्त इस्पात की प्लेट का निर्माण बीएसपी में किया गया है।
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