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भिलाई

BSP के पूर्व CEO, 9 GM व AGM, सीएसपी और तहसीलदार समेत 15 के खिलाफ चलेगा लूट और मारपीट का मुकदमा

बीएसपी के एक पूर्व सीईओ और एक पुलिस अधिकारी समेत 15 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय में लूट और मारपीट का मुकदमा चलेगा।

भिलाईMay 04, 2019 / 10:45 am

Dakshi Sahu

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BSP के पूर्व CEO, 9 GM व AGM, सीएसपी और तहसीलदार समेत 15 के खिलाफ चलेगा लूट और मारपीट का मुकदमा

दुर्ग. बीएसपी के एक पूर्व सीईओ और एक पुलिस अधिकारी समेत 15 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय में लूट और मारपीट का मुकदमा चलेगा। सभी आरोपियों को न्यायालय ने 5 अगस्त को उपस्थित होने का आदेश दिया है। मामला सेक्टर-10 भिलाई स्थित दुकान कम आवास को बिना अनुमति विस्तार किए जाने का आरोप लगाते हुए तोडफ़ोड़ करने का है। विरोध करने पर मारपीट करने व लूट आरोप भी है।
अपर न्यायालय ने घटना को सही माना
इस मामले में सेक्टर-10 निवासी रेणुका नायर पति केएन प्रेमनाथ (53 वर्ष) ने घटना के बाद 2014 में न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। सुनवाई के बाद न्यायाधीश बृजेश राय के न्यायालय ने परिवाद को खारिज कर दिया। महिला ने निचली अदालत के फैसले को अपर न्यायालय में चुनौती दी। अपर न्यायालय ने घटना को प्रथम दृष्टया सही माना और एफआइआर दर्ज करने का आदेश देते हुए प्रकरण को न्यायाधीश प्रवीण कुमार मिश्रा के न्यायालय में स्थानांतरित किया। न्यायाधीश प्रवीण कुमार मिश्रा ने इस मामले में 5 अलग अलग धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कर नोटिस जारी किया है। जिसमें सभी 15 आरोपियों को न्यायालय में 5 अगस्त को उपस्थित होने कहा है। 
दुकान कम आवास को लीज पर खरीदा था
परिवादी महिला रेणुका ने न्यायालय को जानकारी दी थी कि उसने बीएसपी द्वारा दिए लीज दुकान कम आवास को 1991 में खरीदा था। तब हस्ताक्षर की प्रक्रिया अधूरी रह गई थी। वह लगातार कार्यालय का चक्कर लगाते रही लेकिन बीएसपी के अधिकारी लगातार टाल मटोल कर रहे थे। 1998 में बीएसपी के तत्कालीन जीएम शिखर जैन से मुलाकात करने पर उन्होंने औपचारिकता पूरी कराई।
टैक्स के रुप में 50181 रुपए जमा करने का आदेश दिया। इसके बाद वे बिना किसी विवाद के वहां पर व्यापार कर रही थी। 2014 में बीएसपी ने अतिक्रमण किए जाने को लेकर विवाद शुरू किया। पहले बिजली पानी से वंचित किया। बीएसपी ने प्रशासन का सहयोग लेकर तोडफ़ोड़ की और लूटपाट की। महिला ने कोर्ट को बताया था कि तोडफ़ोड़ के दौरान घर में रखे दस्तावेज के साथ 50 हजार नकदी को लूटकर ले गए।
इनके खिलाफ दर्ज किया मामला
1. तत्कालीन सीईओ एस.चन्द्रशेखरन
2. ईडी एलटी.शेरपा
3. जीएम टाउनशिप एसके.जैन
4. डीजीएम आलोक कुमार झा
5. एजीएम विजय शर्मा
6. एजीएम यशंवत कुमार साहू
7. लॉ ऑफिसर बीएसपी रविशंकर
8. सहायक विधि अफसर प्रदीप दास
9. एजीएम एब्रान तिर्की
10. सीनियर मैनेजर दिलीप राय चौधरी
11. बीएसपी कर्मचारी श्रीकांत कन्नौजे
12. बीएसपी कर्मचारी दुर्गैश राजू
13. तत्कालीन तहसीलदार मधुहर्ष देवांगन
14. तत्कालीन सीएसपी वीरेन्द्र सत्पथी
15. किराएदार डॉ. पंकज अग्रवाल
जिससे दुकान खरीदी उसकी हो चुकी मौत
परिवादी महिला के मुताबिक सेक्टर-10 स्थित दुक ान को खरीदने वाली वह थर्ड पार्टी है। सबसे पहले बीएसपी ने सतीश राम ताम्रकार के नाम से लीज जारी की थी। इसके बाद शॉप 154 को एसी बोस ने खरीदा। वर्ष 1991 में उन्होंने वह दुकान बोस से खरीद कर अपने नाम करवाया।।
कोर्ट ने स्टे दिया फिर भी दुर्भावनापूर्वक की कार्रवाई
परिवादी महिला ने कहा कि बीएसपी ने यह कार्य दुर्भावना पूर्वक किया था। बीएसपी द्वारा बिजली पानी बंद किए जाने पर उसने तत्काल न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवाद पर फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने उसे 7 जून से 25 जून 2014 तक स्टे दिया था। इसके बाद भी बीएसपी ने 9 जून को बेदखली कार्रवाही के नाम पर घटना को अंजाम देकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की थी।
महिला का आरोप : इसलिए बरती सख्ती
परिवादी महिला ने न्यायालय को यह भी बताया कि 2013 तक बीएसपी को किसी तरह की आपत्ति नहीं थी। उसके पति केएन प्रमेनाथ ने 2013 भिलाई नगर विधान सभा क्षेत्र से राष्ट्रीय बहुजन पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। इसके बाद से बीएसपी ने अतिक्रमण के नाम पर सख्ती बरतना शुरू किया।
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