अगस्त में कोक आपूर्ति प्रभावित होने और तकनीकी दिक्कतों के कारण कोक ओवन बैटरी नंबर 11 में ओवन पुशिंग की दर घट गई थी। बाद में ब्लास्ट फर्नेस में दिक्कतों के कारण हॉट मेटल का उत्पादन भी गिरकर सात-आठ हजार टन तक आ गया था। अब फिर से उत्पादन लगभग 1४ हजार टन के पास पहुंचने लगा है, इसलिए सभी विभागों पर दबाव है कि अपने यहां उत्पादन की निरंतरता बनाए रखें। इसलिए भी कोक ओवन विभाग भी क्लियरेंस देने में अनाकानी करता रहा।
जहां मरम्मत का काम चलता है, वहां अकसर पाइप में गैस बची रहने या लीकेज की शिकायत रहती है। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रबंधन उत्पादन प्रभावित न हो, इसलिए बिना शट डाउन लिए ही मरम्मत या पाइप लाइन कनेक्टिविटी का काम करवाता है। काम के दौरान पाइप से गैस लीकेज होती है और काम करने वाले जद में आ जाते हैं। जबकि जून 2014 में ब्लास्ट फर्नेस में हुए गैस हादसे की जांच के लिए बनी विभिन्न कमेटियों ने साफ कहा था कि गैस पाइप लाइन से जुड़े काम करते समय शट डाउन लेना जरूरी है, ताकि गैस लीकेज की आशंका ही न रहे।
गैस को समायोजित करने एक्जास्टर को भी प्रॉपर ऑपरेट करना होता है। यह पूर काम हीटिंग एंड रेगुलेशन सेक्शन के जिम्मे होता है। पाइप लाइन में गैस का प्रेशर कम करने ओवन टॉप की टोपी खोलकर वातावरण में गैस छोडऩी होती है।
गैस को समायोजित करने एक्जास्टर को भी प्रॉपर ऑपरेट करना होता है। यह पूर काम हीटिंग एंड रेगुलेशन सेक्शन के जिम्मे होता है।
पूरे संयंत्र में कोक ओवन, ब्लास्ट फर्नेस और कनवर्टर गैस पाइप लाइन की कनेक्टिविटी, मरम्मत और देखरेख की पूरी जिम्मेवारी ऊर्जा प्रबंधन विभाग की होती है। विभाग कहां, क्या काम करना है, इसकी अपनी पूरी प्लानिंग तो कर लेता है, लेकिन जब तक संबंधित विभाग से क्लियरेंस नहीं मिलता, काम शुरू नहीं कर सकता।