इन प्लेटों की रोलिंग अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण होती है। इन शक्तिशाली स्पेशल प्लेटों की विशेषता यह है कि ये उच्च ताप को सहने की क्षमता रखते हैं। इसके रोलिंग में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें स्लैब्स के रिहीटिंग से लेकर रोलिंग तक कड़े तकनीकी मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को प्लेट मिल बिरादरी के साथ-साथ आरसीएल व इन्स्ट्रूमेंटेशन जैसे विभागों तथा अन्य संबंधित विभागों का महत्वपूर्ण योगदान है।
वर्ष 2009 में भिलाई के प्लेट मिल में मिधानी द्वारा भेजी गई स्लैब्स के प्रथम लॉट की रोलिंग की गई थी। जिसके तहत अक्टूबर, 2009 में 20 टन प्लेटों की रोलिंग की गई। वर्तमान समय में नियमित रूप से बीएसपी के प्लेट मिल द्वारा एमडीएन-250 स्लैब्स की रोलिंग की जा रही है। अब तक कुल 440 टन की रोलिंग की जा चुकी है। जिसमे फरवरी, 2020 में गगनयान के लिए की गई रोलिंग भी शामिल है।
देश के लिए अति महत्वपूर्ण इन प्लेटों की मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नियमित रूप से किया जाता रहा है। वर्तमान में इन प्लेटों की रोलिंग व गुणवत्ता जांच के लिए बीएसपी के प्लेट मिल एवं रिसर्च एवं कंट्रोल लैब (आरसीएल) विभाग कौशल और तजुर्बों पर भरोसा करते हुए मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर ने अब प्लेट के इंस्पेक्शन एवं टेस्टिंग की महती जिम्मेदारी बीएसपी के गुणवत्ता व आरसीएल को सौंपी।