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भिलाई

कोरोनाकाल में उपलब्धि: गगनयान के लिए BSP ने बनाया विशेष प्लेट, ISRO के स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम में होगा उपयोग

संयंत्र के प्लेट मिल ने 12 अप्रैल 2021 को 13वीं बार मैसर्स मिश्र धातु निगम (मिधानी) द्वारा प्रदत्त एमडीएन-250 के 10 स्लैब्स से 20 प्लेट की सफलतापूर्वक रोलिंग की। (Gaganyaan mission 2022)

भिलाईApr 14, 2021 / 06:15 pm

Dakshi Sahu

कोरोनाकाल में उपलब्धि: गगनयान के लिए BSP ने बनाया विशेष प्लेट, ISRO के स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम में होगा उपयोग

कोरोनाकाल में उपलब्धि: गगनयान के लिए BSP ने बनाया विशेष प्लेट, ISRO के स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम में होगा उपयोग

भिलाई. Bhilai steel plant ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए पुन: अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। संयंत्र के प्लेट मिल ने 12 अप्रैल 2021 को 13वीं बार मैसर्स मिश्र धातु निगम (मिधानी) द्वारा प्रदत्त एमडीएन-250 के 10 स्लैब्स से 20 प्लेट की सफलतापूर्वक रोलिंग की। रोलिंग की गई मिधानी स्लैब्स के इस लॉट का प्रयोग अब भारत के प्रथम मानवयुक्त उपग्रह मिशन कार्यक्रम गगनयान (Gaganyaan mission) के प्रक्षेपण के लिए किया जाएगा। गगनयान परियोजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके माध्यम से प्रथम मानवयुक्त उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसरो का यह स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम वर्ष 2022 में होने की संभावना है। इस महत्वपूर्ण परियोजना में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भी इसरो को अपनी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है। मिश्र धातु निगम लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा प्रदत्त स्लैब की रोलिंग भिलाई के प्लेट मिल में एक बार फिर सफलतापूर्वक किया गया।
इसके पूर्व सयंत्र ने 20 अक्टूबर 2020 को एमडीएन स्लैब्स की रोलिंग की थी। भिलाई के प्लेट मिल में नियमित अंतराल में इन स्लैब्स को 9.3 मिलीमीटर की मोटाई में सफलतापूर्वक रोलिंग किया जा रहा है। इन प्लेटों का उपयोग देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम के सेटेलाइट प्रक्षेपण में किया जा रहा है। पीएसएलवी के बाहरी मोटर आवरण और इसरो के जीएसएलवी सेटेलाइट प्रक्षेपण वाहनों में किया गया है। इसमें चन्द्रयान प्रक्षेपण के लिए उपयोग किए जाने वाले एसएलवी भी शामिल है।
कोरोनाकाल में उपलब्धि: गगनयान के लिए BSP ने बनाया विशेष प्लेट, ISRO के स्पेस क्राफ्ट प्रोग्राम में होगा उपयोग
उच्च ताप को सहने की क्षमता रखते हैं ये प्लेट
इन प्लेटों की रोलिंग अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण होती है। इन शक्तिशाली स्पेशल प्लेटों की विशेषता यह है कि ये उच्च ताप को सहने की क्षमता रखते हैं। इसके रोलिंग में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें स्लैब्स के रिहीटिंग से लेकर रोलिंग तक कड़े तकनीकी मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को प्लेट मिल बिरादरी के साथ-साथ आरसीएल व इन्स्ट्रूमेंटेशन जैसे विभागों तथा अन्य संबंधित विभागों का महत्वपूर्ण योगदान है।
अब तक 440 टन की रोलिंग की जा चुकी है
वर्ष 2009 में भिलाई के प्लेट मिल में मिधानी द्वारा भेजी गई स्लैब्स के प्रथम लॉट की रोलिंग की गई थी। जिसके तहत अक्टूबर, 2009 में 20 टन प्लेटों की रोलिंग की गई। वर्तमान समय में नियमित रूप से बीएसपी के प्लेट मिल द्वारा एमडीएन-250 स्लैब्स की रोलिंग की जा रही है। अब तक कुल 440 टन की रोलिंग की जा चुकी है। जिसमे फरवरी, 2020 में गगनयान के लिए की गई रोलिंग भी शामिल है।
विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के मार्गदर्शन में हो रहा काम
देश के लिए अति महत्वपूर्ण इन प्लेटों की मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नियमित रूप से किया जाता रहा है। वर्तमान में इन प्लेटों की रोलिंग व गुणवत्ता जांच के लिए बीएसपी के प्लेट मिल एवं रिसर्च एवं कंट्रोल लैब (आरसीएल) विभाग कौशल और तजुर्बों पर भरोसा करते हुए मिधानी एवं विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर ने अब प्लेट के इंस्पेक्शन एवं टेस्टिंग की महती जिम्मेदारी बीएसपी के गुणवत्ता व आरसीएल को सौंपी।

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