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भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के लिए खुशखबरी, कोरोना संकट में मिली टॉपअप लोन की सुविधा

locationभिलाईPublished: Jun 10, 2020 05:27:40 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

भिलाई इस्पात संयंत्र के 16,000 से अधिक कार्मिकों के लिए नई सुविधा मंगलवार से शुरू कर दी गई है। जिसमें कर्मियों को टॉपअप लोन दिया जाएगा। (Bhilai steel Plant)

भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के लिए खुशखबरी, कोरोना संकट में मिली टॉपअप लोन की सुविधा

भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के लिए खुशखबरी, कोरोना संकट में मिली टॉपअप लोन की सुविधा

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र के 16,000 से अधिक कार्मिकों के लिए नई सुविधा मंगलवार से शुरू कर दी गई है। जिसमें कर्मियों को टॉपअप लोन दिया जाएगा। यह मांग लंबे समय से इस्पात श्रमिक मंच और संयुक्त खदान मजदूर संघ (एसकेएमएस) कर रहे थे। जिसे भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने स्वीकृति दे दी। कोरेाना संकट में टॉपअप लोन किसी सौगात से कम नहीं है।
इस्पात श्रमिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सीपीएफ ट्रस्टी शेख महमूद ने बताया कि पूर्व में किए गए सीपीएफ सुधार को आगे बढ़ाते हुए एसकेएमएस यूनियन के साथ मिलकर कई महीनों से इस मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे कि बीएसपी के कर्मचारियों के लिए सीपीएफ लोन को बिना जमा किए नए लोन देने की सुविधा को प्रबंधन लागू करें। इसका लाभ बीएसपी के कर्मचारियों और अधिकारियों दोनों को मिलेगा।
क्या है यह सुविधा
बीएसपी के कर्मचारियों व अधिकारियों को समय-समय पर अपने प्रोविडेंट फंड या सीपीएफ (CPF Loan) से लोन दिया जाता है। सीपीएफ लोन चलने के दौरान वह जब तक उसे पूरा जमा नहीं कर लेता, तब तक उसे नया लोन प्राप्त नहीं होता है। इस सुविधा के लागू होते ही पुराने बचे सीपीएफ लोन को बिना जमा किए कर्मचारी नया सीपीएफ लोन के लिए पात्र हो जाएगा। अगर एक कार्मिक 10 लाख रुपए पहले लोन लिया। उसने 6 लाख रुपए जमा कर दिए हैं। उसके 4 लाख रुपए जमा करना बाकी है। इसे बिना जमा किए वह कर्मचारी नया सीपीएफ लोन फिर से बढ़ा कर ले सकता है। पुरानी बची हुई सीपीएफ लोन राशि नए सीपीएफ लोन राशि में घटाकर दी जाएगी। जिससे कर्मचारियों को बिना जमा किए नया सीपीएफ लोन प्राप्त हो जाएगा।
15 माह पहले बनी थी ट्रस्ट में सैद्धांतिक सहमति
एसकेएमएस के अध्यक्ष व सीपीएफ ट्रस्टी कमलजीत सिंह मान ने बताया कि करीब फरवरी-मार्च 2019 में सीपीएफ ट्रस्ट की मीटिंग में इस मुद्दे को कई बार उठाया गया। उसी समय प्रबंधन व यूनियन में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी थी। लेकिन इसे लागू करने में कई बार परेशानियां व रुकावट आ रही थी। मंगलवार से इसे लागू कर दिया गया है।
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