केंद्रीय मंत्री के सामने बनी थी सहमति
सीटू के अध्यक्ष व एनजेसीएस सदस्य एसपी डे ने बैठक में बताया कि 17 जुलाई 2018 को इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने पेंशन के विषय पर चर्चा करने बैठक बुलाई थी, तब केंद्रीय नेता तपन सेन ने एनजेसीएस के लंबित विषयों बोनस व नए वेतन समझौता को लेकर ज्ल बैठक बुलाने मांग की। इस पर सेल के निदेशक कार्मिक अतुल श्रीवास्तव ने जल्द ही एनजेसीएस के उत्पादन उत्पादकता समिति की बैठक बुलाने की बात कही थी, लेकिन 3 माह बीतने के बावजूद भी अभी तक कोई बैठक नहीं बुलाई गई।
सीटू के अध्यक्ष व एनजेसीएस सदस्य एसपी डे ने बैठक में बताया कि 17 जुलाई 2018 को इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने पेंशन के विषय पर चर्चा करने बैठक बुलाई थी, तब केंद्रीय नेता तपन सेन ने एनजेसीएस के लंबित विषयों बोनस व नए वेतन समझौता को लेकर ज्ल बैठक बुलाने मांग की। इस पर सेल के निदेशक कार्मिक अतुल श्रीवास्तव ने जल्द ही एनजेसीएस के उत्पादन उत्पादकता समिति की बैठक बुलाने की बात कही थी, लेकिन 3 माह बीतने के बावजूद भी अभी तक कोई बैठक नहीं बुलाई गई।
कर्मियों का गिरता है मनोबल
यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि बोनस तय करने में की जाने वाली देरी व उदासीन रवैया जब प्रबंधन अपनाता है, तो कर्मियों का मनोबल गिरता है। वे हतोत्साहित होते हैं, जिसका प्रभाव उनके कार्यस्थल पर भी पड़ता है। सेल की वित्तीय स्थिति भी अभी सुधरने लगी है और इसे सुधारने में कर्मियों व अफसरों के प्रयास को सम्मान देने, बोनस पर बिना देरी के चर्चा कर फैसला लेना चाहिए।
यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि बोनस तय करने में की जाने वाली देरी व उदासीन रवैया जब प्रबंधन अपनाता है, तो कर्मियों का मनोबल गिरता है। वे हतोत्साहित होते हैं, जिसका प्रभाव उनके कार्यस्थल पर भी पड़ता है। सेल की वित्तीय स्थिति भी अभी सुधरने लगी है और इसे सुधारने में कर्मियों व अफसरों के प्रयास को सम्मान देने, बोनस पर बिना देरी के चर्चा कर फैसला लेना चाहिए।
बोनस पर पात्रता संबंधी सभी सीमांए हो समाप्त
बैठक में कहा गया कि सेल प्रबंधन के अलावा इस्पात मंत्री को भी पत्र लिखकर मांग की जाएगी कि बोनस भुगतान अधिनियम में भी आवश्यक संशोधन कर पात्रता संबंधी बोनस की सभी सीमाओं को समाप्त किया जाए।
बैठक में कहा गया कि सेल प्रबंधन के अलावा इस्पात मंत्री को भी पत्र लिखकर मांग की जाएगी कि बोनस भुगतान अधिनियम में भी आवश्यक संशोधन कर पात्रता संबंधी बोनस की सभी सीमाओं को समाप्त किया जाए।
इस तरह की है सीमांए
बोनस भुगतान अधिनियम में पात्रता संबंधित तीन तरह की सीमा है। बोनस लेने के लिए वेतन की अधिकतम सीमा 21,000 रूपए प्रतिमाह है। न्यूनतम बोनस 8.33 प्रतिशत, अधिकतम बोनस की सीमा 20 फीसदी व बोनस की गणना के लिए वेतन की अधिकतम सीमा 7000 रूपए प्रतिमाह है।
बोनस भुगतान अधिनियम में पात्रता संबंधित तीन तरह की सीमा है। बोनस लेने के लिए वेतन की अधिकतम सीमा 21,000 रूपए प्रतिमाह है। न्यूनतम बोनस 8.33 प्रतिशत, अधिकतम बोनस की सीमा 20 फीसदी व बोनस की गणना के लिए वेतन की अधिकतम सीमा 7000 रूपए प्रतिमाह है।
सीटू नेता का निलंबन हो वापस
बैठक में मांग की गई कि सीटू के नेता योगेश कुमार सोनी के निलंबन को तुरंत वापस लिया जाए। सीटू ने प्रबंधन को पत्र लिखकर उनके निलंबन पर आपत्ति जताया है। यूनियन का कहना है कि प्रबंधन ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन के साथ-साथ स्थाई आदेश संयंत्र की धारा 31 (आई) का भी उल्लंघन किया है। निलंबन वापस ना होने की सूरत में यूनियन परिवाद भी दायर किया जा सकता है।
बैठक में मांग की गई कि सीटू के नेता योगेश कुमार सोनी के निलंबन को तुरंत वापस लिया जाए। सीटू ने प्रबंधन को पत्र लिखकर उनके निलंबन पर आपत्ति जताया है। यूनियन का कहना है कि प्रबंधन ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन के साथ-साथ स्थाई आदेश संयंत्र की धारा 31 (आई) का भी उल्लंघन किया है। निलंबन वापस ना होने की सूरत में यूनियन परिवाद भी दायर किया जा सकता है।
लचर ठेका प्रणाली में लाएं कसावट
यूनियन ने प्रबंधन से मांग किया है कि बीएसपी में ठेका प्रणाली अत्यंत लचर है। जिसके कारण समय पर पूरा वेतन, वेतन पर्ची मिलने जैसी न्यूनतम सांविधिक प्रावधानों का भी अनुपालन नहीं हो रहा है। सीटू ने मांग किया है कि ठेका कर्मियों के सांविधिक अधिकारों का अनुपालन तय करें।
यूनियन ने प्रबंधन से मांग किया है कि बीएसपी में ठेका प्रणाली अत्यंत लचर है। जिसके कारण समय पर पूरा वेतन, वेतन पर्ची मिलने जैसी न्यूनतम सांविधिक प्रावधानों का भी अनुपालन नहीं हो रहा है। सीटू ने मांग किया है कि ठेका कर्मियों के सांविधिक अधिकारों का अनुपालन तय करें।