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भिलाई

छत्तीसगढ़ में खुलेगी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की ब्रांच, संस्कृति मंत्रालय ने भेजा प्रस्ताव

रंगमंच के वर्तमान और भावी कलाकारों के लिए अच्छी खबर है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी अपना स्टडी सेंटर शुरू करेगा।

भिलाईJul 08, 2018 / 11:40 pm

Satya Narayan Shukla

Bhilai patrika

छत्तीसगढ़ में खुलेगी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की ब्रांच, संस्कृति मंत्रालय ने भेजा प्रस्ताव

भिलाई. रंगमंच के वर्तमान और भावी कलाकारों के लिए अच्छी खबर है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली जल्द ही छत्तीसगढ़ में भी अपना स्टडी सेंटर शुरू करेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने एनएसडी को प्रस्ताव भेजा है। यह बात रविवार को एनएसडी के निदेशक वामन केंद्रे ने कहीं। वे भिलाई में चल रंग संस्कार कार्यशाला के समापन दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब तक देश में ४ एनएसडी स्टडी सेंटर शुरू किए जा चुके हैं। जल्द ही छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को यह सौगात दी जा सकती है। इस संबंध में फैसला विचाराधीन है। उम्मीद है कि यह सेंटर भिलाई में ही खुल सकता है।
चलेंगे एक से तीन साल के कोर्स
केंद्रे ने बताया कि रंगमंच को कॅरियर की तरह देखने वाले युवाओं की प्रदेश में कमी नहीं है। अभी हमारे युवाओं को रंगमंच की बारीकियां सिखाने के लिए इप्टा जैसे संस्थाएं कार्यरत है, लेकिन स्टडी सेंटर मिलने के बाद युवा यहां एक साल से लेकर ३ साल के डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे। एनएसडी का प्रमाण पत्र होने की वजह से टेलीविजन और फिल्म जगत का रास्ता भी खुलेगा। युवाओं में रंगमंच के प्रति रुचि का पता लगाने और उन्हें एक स्तर देने के लिए 20 दिवसीय कार्यशाला कराई गई, जिसमें सभी ने बेहतर सीखा। यह कार्यशाला सफल रही।
 

Bhilai patrika
वही टिक पाएगा जिसका पास टैलेंट होगा
केंद्रे ने कहा कि वे नैपोटिज्म यानि परिवादवाद पर विश्वास नहीं करते। उनके मुताबिक रंगमंच से लेकर टीवी और फिल्म जगत में वही टिक पाएगा, जिसके पास टैलेंट होगा। उन्होंने कई उदाहरण देकर कहा कि ऐसे कई एक्टर है, जो अपने समय में सुपर हिट रहे हैं, लेकिन उनके बच्चे के पास आज काम नहीं है। परिवारवाद सिर्फ मौका दिला सकता है, लेकिन खुद को स्थापित करने के लिए टैलेंट चाहिए होगा। उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि अधिकतर युवाओं के मन में शंका होती है, कि रंगमंच या ड्रामा के बाद उन्हें कोई मुकाम मिलेगा भी या नहीं। केंद्रे ने साफ कहा कि बेहतर इंसान और शानदार कलाकार की पूछपरख हर जगह है। इसलिए बिना किसी झिझक अपने टैलेंट को साथ लेकर ही इस विधा में शामिल होना चाहिए।
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