बीएसपी में पाइप लाइन का अहम रोल है। जिस तरह से मानव शरीर में फैली हुई विभिन्न प्रकार की नसें होती है। जिससे पूरे शरीर को जीवन देने वाली रक्त का प्रवाह होता है। वही भूमिका पाइप लाइन स्टील प्लांट में निभाती है। बीएसपी में समस्त पाइप लाइन या तो जमीन से काफी ऊंचाई पर है या जमीन के नीचे टनल में बिछी है। इस वजह से इन लाइन में काम करते समय श्रमिकों को हमेशा ही खतरों के प्रति जागरूक रहना पड़ता है।
संयंत्र में मेंटनेंस के काम के दौरान औद्योगिक सुरक्षा के सभी मापदंडों का इस्तेमाल करना काफी अहम हो जाता है। हर साल सेफ्टी को लेकर एक कार्यक्रम होता है, जिसमें सुरक्षा शिक्षा, सुझाव, सुरक्षा जागरूकता, सुरक्षा प्रशिक्षण, मेडिटेशन, सुरक्षा प्रतियोगिता, अग्निशमन यंत्रों का प्रशिक्षण व प्रदर्शन किया जाता है।
स्लोगन प्रतियोगिता में एस-1 से 6 ग्रेड तक में प्रथम माया राम मीणा, द्वितीय प्रमोद बाग, एस-6 से 11 ग्रेड तक में प्रथम प्रदीप कुमार, द्वितीय शेख महमूद, नियर मिस केस रिकॉर्ड में प्रथम राम सहाय साहू, हजार्ड आईडेंटिफिकेशन में प्रथम विवेकानंद सुर, बेस्ट सेफ्टी मैन में प्रथम रूप सिंह ठाकुर, द्वितीय भूपेंद्र नाथ, सेफ्टी क्विज एस-1 से 6 ग्रेड में प्रथम गुलाब पंडित, द्वितीय देव कुमार चंदेल, तृतीय अयोध्या ओझा, एस-६ से 11 ग्रेड तक में प्रथम दद्दू यादव, द्वितीय आर रेजी नायर, तृतीय माधव राव, बेस्ट सेफ्टी ग्रुप में बीएसपी रेगुलर एंपलाइ आर रेजी नायर, विवेकानंद सूर, माधव राव, राजेंद्र कुमार राजू, पोषण साहू, बेस्ट ठेका श्रमिक सेफ्टी ग्रुप से उदय ने बाजी मारी।
पीएलइएम विभाग ने पिछले कुछ साल में 4355 दिन एक्सीडेंट फ्री डे का कीर्तिमान बना चुका है। इस विभाग को 2018 का अपने जोन कैटेगरी में हाउस कीपिंग का द्वितीय पुरस्कार मिला हुआ है। 2017 में भी पीएलइएम विभाग पूरे बीएसपी में हाउस कीपिंग का पुरस्कार जीत चुका है।
सेल प्रबंधन ने 28 मार्च को स्टील सेफ्टी डे के रूप में मनाए जाने घोषित किया। इस मौके पर जीएम सेफ्टी व फायर सर्विस बीएसपी सुरेंद्र सिंह, डीजीएम वीके श्रीवास्तव मौजूद थे।