मरीजों ने बताया कि सोमवार को ११ बजे के बाद भी जब फर्मासिस्ट नहीं आया तब शिकायत की। हकीकत यह है कि हर दिन यहां दवा देने वाला कर्मचारी ही समय पर नहीं आता। अगर आ जाए तो जब मन हो चला जाता है। मरीजों के साथ उसका बर्ताव ठीक नहीं है। सेक्टर-1 से आए फर्मासिस्ट ने कुछ ही मिनटों में दवा देकर लोगों को घर रवाना किया।
एक पूर्व कर्मचारी की पत्नी ने दवा दिखाते हुए बताया कि सुबह ८ बजे से हॉस्पिटल आए हैं, १०.३० से दवा लेने कतार में खड़े थे।१२ बजे दवा मिला है। घर का काम वैसे ही पड़ा है। अब जाकर करना होगा।यहां की व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।
छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के महासचिव अखिल मिश्र ने बताया कि बीएसपी के पूर्व व वर्तमान कर्मियों के लिए चिकित्सा व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत है। खुर्सीपार में रहने वाले कर्मचारी को सबसे करीब खुर्सीपार का हॉस्पिटल पड़ता है, इस वजह से वे वहां जाकर डॉक्टर को दिखाते हैं। इसके साथ-साथ दवा रिपीट भी वे वहां से करवाते हैं। प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वहां की व्यवस्था में सुधार करे। कर्मियों का तबादला करने से अगर व्यवस्था में सुधार हो सकता है, तो किया जाना चाहिए।