बीएसपी प्रबंधन ने न्यूनतम मजदूरी दर, हाजरी कार्ड, वेतन पर्ची की अनिवार्यता का परिपत्र पिछले साल भी जारी किया था। इसके बाद भी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी गई। बीएसपी के ठेकेदार व अधिकारी इस बात से वाकिफ हैं, कि मजदूरों के हाथ कितनी दिहाड़ी मजदूरी पहुंच रही है।
बीएसपी में ठेकेदार खुलेआम मजदूरी देने के मामले में गड़बड़ी कर रहे हैं। इसका सबूत तक यूनियन अधिकारियों के सामने पेश कर रहे हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई बीएसपी अधिकारी ठेकेदार के खिलाफ नहीं कर रहे हैं। जिससे ठेकेदारों के हौसले बढ़े हुए हैं।
बीएसपी में मजदूरों से माह में 26 दिन काम लिया जाता है और साल में बोनस देने के समय उनको कम दिन ड्यूटी आने की वजह बताकर बोनस नहीं देते। इसको लेकर कई बार यूनियन नेता शिकायत कर चुके हैं।
बीएसपी में एक ओर आउट सोर्सिंग कर ठेका श्रमिकों से कार्य कराने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उन्हें श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी न देकर श्रम कानून का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इस तरह से बीएसपी के ठेका श्रमिकों का शोषण जमकर हो रहा है।
1 अप्रैल 18 से लागू न्यूनतम मजदूरी दरें :-
श्रेणी — न्यूनतम वेतन — एडब्ल्यूए — कुल वेतन
अकुशल मजदूर — 333 — 88.46 — 421.46
अर्ध कुशल — 358 — 88.46 — 446.46
कुशल — 388 — 88.46 — 476.46
अति कुशल — 418 — 88.46 — 506.46
श्रेणी — न्यूनतम वेतन — एडब्ल्यूए — कुल वेतन
अकुशल मजदूर — 343 — 88.46 — 431.46
अर्ध कुशल — 368 — 88.46 — 456.46
कुशल — 398 — 88.46 — 486.46
अति कुशल — 428 — 88.46 — 516.46