संयुक्त खदान मजदूर संघ (एसकेएमएस) के राजहरा इकाई अध्यक्ष व वर्तमान ट्रस्टी कंवलजीत सिंह मान ने यह बात कही। वहीं नंदिनी खदान के ट्रस्टी मृणाल शाह ने कहा कि भिलाई की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन कर्मियों के हित का ख्याल रखते हुए भिलाई सीपीएफ ट्रस्ट को अपनी गंदी राजनीति का अखाड़ा ना बनाएं। पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन ट्रस्टीयों ने यूपी और पंजाब में किए गए निवेश पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है।
मान ने बताया कि बीएसपी व खदान का सीपीएफ ट्रस्ट में कर्मचारी हित में नए बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिससे कर्मियों को नए सीपीएफ लोन लेने के लिए अपने पुराने सीपीएफ लोन को जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी। नए लोन में ही उसे समायोजित कर दिया जाएगा। जिसका सीधा फायदा संयंत्र व खदान के कर्मियों को मिलेगा। यूनियन चुनाव आचार संहिता हटते ही इसे अमल में ले लिया जाएगा।
राजहरा, हिर्री व नंदिनी तीनों माइंस यूनियन के ऑर्डिनेटर आर श्रीधर ने बताया कि संयुक्त यूनियन को समर्थन देने का फैसला केंद्रीय नेताओं के समक्ष एसकेएमएस की तीनों खदान इकाई की कार्यकारिणी के बैठक में लिए हैं। जिस पर अडिग हैं।
हिर्री माइंस के दिनेश शर्मा ने बताया कि इस्पात श्रमिक मंच के साथ आगे भङी मिलकर तीनों माइंस यूनियन बीएसपी व खदान कर्मियों के पे रिवीजन व दूसरी समस्या को दूर करने के लिए साथ- साथ संघर्ष करेगी।