यूनियन नेताओं ने कहा कि एसपी-3 की गैलरी में अंधेरा पसरा रहता है। कर्मियों को इसी हालत में काम करना पड़ता है। संयंत्र में हो रही दुर्घटनाओं से भी प्रबंधन सबक नहीं ले रहा है। यहां जल्द ही प्रकाश की व्यवस्था किया जाए। विभाग में मेन पॉवर की कमी को देखते हुए जल्द यहां नए कर्मियों की पोस्टिंग की जाए।
उन्होंने कहा कि एसपी-३ के मशीन नंबर-2 का अभी तक लाइन ऑफ प्रमोशन (एलओपी) नहीं बना है, जिसके कारण कर्मियों का प्रमोशन रुका हुआ है। इस बात को लेकर कई बार कर्मचारी प्रबंधन से चर्चा कर चुके हैं। मामला कई बार विवादों में रहा है।
यहां आग लगने की स्थिति में पानी नहीं मिलेगा, क्योंकि फायर हाइड्रेंट का वॉल्व डस्ट से ढका रहता है साथ ही आग लगने की स्थिति में मोटर चालू करने पर प्रेशर नहीं बनता है। ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। एसपी-३ में डस्ट की समस्या का समाधान करने की मांग करते हुए यूनियन ने बताया कि डि-डस्टिग यूनिट के डक्ट जाम हो गए हैं। उनको बदलने की जरूरत है इसी कारण डि- डस्टिंग यूनिट ठीक से काम नहीं कर रहा है।
यूनियन नेताओं ने जीएम को बताया कि यहां के अधिकारी शट-डाउन लेने से बचते हैं। कर्मियों पर दबाव बनाकर काम करवाया जा रहा है। इन हालात में दुर्घटना हो जाए, तो कर्मियों पर मढ़ दिया जाएगा।
महासचिव एसके बघेल ने कहा कि एसपी-3 के कर्मचारी विषम परिस्थितियों में भी गुणवत्ता युक्त उत्पादन बनाए हुए हैं। प्रबंधन इनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं देगा, तो विभाग में विस्फोटक स्थिति निर्मित हो सकती है।
महाप्रबंधक पात्रा ने कहा कि अभी-अभी सिंटर प्लांट का चार्ज लिया हूं। जल्द ही यहां की समस्याओं का समाधान कराने प्रयास किया जाएगा। जल्द ही गैलरी में लाइट लगवा दी जाएगी। उन्होंने फायर सिस्टम को ठीक कराने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर पर्सनल विभाग के सहायक महाप्रबंधक अमूल्य प्रियदर्शी, इंटक से चंद्रशेखर सिंह, संजय साहू, वंश बहादुर सिंह मौजूद थे।