बीएसपी के सीईओ एके ने संयंत्र में मौजूद उन खामियों को उच्च प्रबंधन तक पहुंचाने के लिए सरल राह बनाया है। जिससे संयंत्र को जान या माल का नुकसान हो सकता है। वे चाहते हैं कि विभाग के छोटे कर्मचारी भी अगर वह खामियां जानते हैं, जिससे प्रबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है, तो उसे वे शेयर करें। इसके लिए बीएसपी के सभी कम्प्यूटर के मदर बोर्ड पर सीधी बात सीईओ के साथ दिया गया है। जिसमें सुरक्षा को लेकर सुझाव दिया जा सकता है।
सीनियर टेक्नीशियन व एक अन्य विभाग से ओसीटी ने मौजूद 5 व 6 खामियों को तलाश के बताया। जिसकी वजह से संयंत्र या उक्त विभाग में किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकता है। जिससे बचने के लिए प्रबंधन को इसमें सुधार करने की जरूरत है।
बीएसपी ने सुरक्षा के नाम पर फिर कर्मियों को एक बार छला है। इस बार प्रबंधन ने खुद ही योजना तैयार की और उस पर जब रिस्पांस आने लगा, तो अधिकारियों ने उसे दूर करने के स्थान पर नजर अंदाज करना शुरू कर दिया है। यह सब कुछ तब हो रहा है, जब इसे लेकर खुद सीईओ एके रथ आगे आए हैं। समस्या बताने वालों को प्रबंधन की ओर से दो सप्ताह बाद भी कोई रिस्पांस नहीं आया है। जिससे कर्मी निराश हैं, कि आखिर प्रबंधन इन बातों को मीडिया में जिस तरह से प्रचारित करता है, उसके मुताबिक जमीन पर काम क्यों नहीं किया जाता।
सवाल उठ रहा है कि आखिर खतरों से आगाह करवाया जा रहा है, तो संबंधित अधिकारी उसे दूर क्यों नहीं कर रहे हैं। क्या वे योजना को सफल होने देना नहीं चाहते हैं। कर्मचारी भी अब सकते में है, दरअसल शिकायत करने वालों से पहले नाम, पर्सनल नंबर सबकुछ ले लिया जाता है, इसके बाद जो भी खामियां है, उसे दर्ज किया जाता है। अगर विभाग के अधिकारी को कर्मचारी का नाम मालूम हो जाए, तो वह नाराज भी हो सकता है, जिससे कर्मी को नुकसान होगा।