CGBSE 2018 से सम्बंधित हर ख़बर की लेटेस्ट अपडेट के लिए कहा क्लिक करें: CLICK HERE बीएसपी स्कूल के विनय ने सबको पछाड़ा
सीजी बोर्ड 12 वीं की परीक्षा में बीएसपी हायर सेकंडरी स्कूल के विनय चौहान ने सबको पछाड़ते हुए छत्तीसगढ़ में चौथा रैंक प्राप्त किया है। उन्होंने 96.80 अंक अर्जित किए हैं। इसके अलावा पाटन के सरकारी स्कूल की बेटी यशस्वी वर्मा ने पांचवां रैंक हासिल किया है। 96.40 प्रतिशत के साथ वो टॉप 5 में जगह बनाने वाली प्रदेश की दूसरी लड़की है। यशस्वी को जब पत्रिका ने उनके टॉप करने की सूचना दी तो वह खुशी से फूले नहीं समाई। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय गुरूजनों और परिजनों को दिया।
सीजी बोर्ड 12 वीं की परीक्षा में बीएसपी हायर सेकंडरी स्कूल के विनय चौहान ने सबको पछाड़ते हुए छत्तीसगढ़ में चौथा रैंक प्राप्त किया है। उन्होंने 96.80 अंक अर्जित किए हैं। इसके अलावा पाटन के सरकारी स्कूल की बेटी यशस्वी वर्मा ने पांचवां रैंक हासिल किया है। 96.40 प्रतिशत के साथ वो टॉप 5 में जगह बनाने वाली प्रदेश की दूसरी लड़की है। यशस्वी को जब पत्रिका ने उनके टॉप करने की सूचना दी तो वह खुशी से फूले नहीं समाई। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय गुरूजनों और परिजनों को दिया।
राजनंादगांव के नोहर टॉप 5 में
सीजी १२ वीं बोर्ड परीक्षा में राजनांदगांव के सरकारी स्कूल के छात्र नोहर ने ५ वां रैंक हासिल किया है। नोहर ने कड़ी मेहनत के दम पर ९६.४० प्रतिशत अंक अर्जित कर सरकारी स्कूल की पढ़ाई का लोहा मनवा दिया है। राजनांदगांव जिले के चंचल वर्मा ९५.६० प्रतिशत के प्रदेश में ९ वें स्थान पर रहे हैं। दुर्ग संभाग के सात छात्रों ने टॉप टेन में जगह बनाकर प्रदेश में सफलता के परचम गाड़ दिए हैं।
सीजी १२ वीं बोर्ड परीक्षा में राजनांदगांव के सरकारी स्कूल के छात्र नोहर ने ५ वां रैंक हासिल किया है। नोहर ने कड़ी मेहनत के दम पर ९६.४० प्रतिशत अंक अर्जित कर सरकारी स्कूल की पढ़ाई का लोहा मनवा दिया है। राजनांदगांव जिले के चंचल वर्मा ९५.६० प्रतिशत के प्रदेश में ९ वें स्थान पर रहे हैं। दुर्ग संभाग के सात छात्रों ने टॉप टेन में जगह बनाकर प्रदेश में सफलता के परचम गाड़ दिए हैं।
CGBSE 2018 Topper: इंटरव्यू और कहानी के लिए: CLICK HERE ११ बजे अपलोड किए गए रिजल्ट
दुर्ग जिले के करीब 35 हजार बच्चों की धड़कन तेज हो गई थी। उन्हें उस घड़ी का इंतजार था, जब इंटरनेट पर रिजल्ट अपलोड कर दिया जाएगा। इन सब के बीच यह याद रखना भी जरूरी है कि यह जिंदगी की अंतिम परीक्षा नहीं। किसी कारण अगर नंबर कम भी आ गए तो हताश होने की बजाए यह सोचकर आगे बढ़ें कि हमारी जिदंगी कीमती है। जिंदगी की परीक्षा बोर्ड एग्जाम से नहीं पास की जा सकती। जो युवा अपने परिणामों को जिंदगी मान बैठते हंै उन्हें भी यह सोचना होगा कि उनके साथ पूरे परिवार की खुशियां उनसे जुड़ी हुई है।
दुर्ग जिले के करीब 35 हजार बच्चों की धड़कन तेज हो गई थी। उन्हें उस घड़ी का इंतजार था, जब इंटरनेट पर रिजल्ट अपलोड कर दिया जाएगा। इन सब के बीच यह याद रखना भी जरूरी है कि यह जिंदगी की अंतिम परीक्षा नहीं। किसी कारण अगर नंबर कम भी आ गए तो हताश होने की बजाए यह सोचकर आगे बढ़ें कि हमारी जिदंगी कीमती है। जिंदगी की परीक्षा बोर्ड एग्जाम से नहीं पास की जा सकती। जो युवा अपने परिणामों को जिंदगी मान बैठते हंै उन्हें भी यह सोचना होगा कि उनके साथ पूरे परिवार की खुशियां उनसे जुड़ी हुई है।
अगर वे एक भी गलत कदम उठाएंगे तो पूरे परिवार को भुगतना होगा। इस बार जिले से दसवीं में 21 हजार 391 और बारहवीं में 13 हजार 272 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। दुर्ग जिले में पिछले तीन वर्षो से लगातार बोर्ड परीक्षा के परिणाम में सुधार आ रहा है। डीईओ आशुतोष चावरे ने कहा कि मिशन बेटर एजुकेशन के तहत सालभर बोर्ड परीक्षा की खासी तैयारी कराई गई है।उनके उम्मीद के हिसाब से जिले का रिजल्ट पिछले वर्ष के मुकाबले औार बेहतर रहा है। परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों से ज्यादा शिक्षकों में भी उत्साह है। वहीं टॉपर्स के घर बधाई देने वालों का तांता लगना शुरू हो गया है।