अग्रवाल समाज की महिलाओं ने होलिका पर अपनी परंपरा निभाई। खुर्सीपार स्थित शासकीय स्कूल के मैदान और सेक्टर 1 के मंदिर प्रांगण में सजी होलिका की महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। पारंपरिक ओढऩा और गहने पहन उन्होंने होली का पूजन किया। @Patrika. इस दौरान उन्होंने होली पर कंडे की माला, रोली, चंदन, पारंपरिक व्यंजन आदि अर्पण किए औ र शाम को होलिका की परिक्रमा कर दोबारा विधिवत पूजन किया और पूरे परिवार के साथ होलिका दहन में शामिल हुए।
होलिका दहन के पहले ही शहर में लोग होली के रंग से सराबोर हो गए। स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में दोपहर से ही लोग एकदूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई दी। कच्चे-पक्के रंगों के बीच लोगों ने होली से पहले ही रंगों का मजा लिया।@Patrika. खासकर प्राइवेट सेक्टर्स, सरकारी दफ्तरों में सुबह से ही छुट्टी का माहौल रहा। जो दफ्तर पहुंचे थे वे भी दोपहर बाद रंग-गुलाल खेलने के बाद घर चले गए।
ट्विनसिटी में बुधवार को एक हजार से ज्यादा स्थानों पर होलिका दहन किया गया। भिलाई और दुर्ग में बड़ी होलिका की संख्या 5 सौ से ज्यादा रही जबकि गली-मोहल्ले में छोटे-बच्चों और युवाओं, महिलाओं ने मिलकर पांच सौ से ज्यादा छोटी होलिका का दहन किया। @Patrika. भद्रा काल खत्म होते ही रात 9 बजे से शहरभर में होली जलने लगी।
ेसेक्टर 6 में होली के दो रंग नजर आए। अक्षयपात्र फाउंडेशन में चैतन्य महाप्रभू के जन्म उत्सव पर शाम को फूलों की होली खेली गई। हरे कृष्मा मूव्हमेंट से जुड़े लोगों ने भगवान कृष्ण और राधा की प्रतिमा पर फूल बरसाए और फूलों की होली खेली।@Patrika. ब्रज मंडल में शाम को होलिका दहन के बाद लोगों ने राधा-कृष्ण की प्रतिमा पर अबीर और गुलाल अर्पण किया और एकदूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई दी।