@Patrika. पार्टी में उनके विरोधियों और राजनीति के जानकार सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर कर रहे हैं कि सीएम बनने की राह में ताम्रध्वज साहू के अलावा कांग्रेस के सीनियर लीडर मोतीलाल वोरा ने भी नापसंदगी जताई थी। अब चूंकि भूपेश सीएम बन चुके हैं तब क्या वे पिता के विरोध का बदला बेटे अरुण वोरा को मंत्रीमंडल में शामिल न कर लेंगे? वहीं कुछ लोग जो सीएम भूपेश के नेचर से वाकिफ हैं उनकी मानें तो ऐसा संभव भी हो सकता है। कुछ इसी की तरह की चर्चा ताम्रध्वज को लेकर भी है। बताते हैं कि (एआईसीसी) पार्टी हाईकमान ने सबसे पहले सीएम के लिए सांसद साहू पर ही मुहर लगाई थी। साहू के नाम पर फैसला लिए जाने की अंदरूनी जानकारी मिलने के बाद भूपेश और टीएस सिंहदेव ने इस्तीफे की धमकी तक दे दी थी। बताते हैं कि इस धमकी के बाद पहले लिए गए निर्णय पर हाईकमान को मजबूरी में पुनर्विचार करना पड़ा। अब भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू को छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल में ओहदे वाले मंत्रालय और विभाग सौंपेंगे या नहीं, यह बड़ा सवाल कांग्रेसी गलियारों में भी उठाए जा रहे हैं। यह भी चर्चा हो रही कि बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद भूपेश पहले की शिकवा शिकायत को भूलकर सबको को साथ लेकर खुलेमन और बड़े दिल के साथ काम करेंगे?
@Patrika. भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में पांच सबसे बड़े सवाल और चुनौती की चर्चा राजनीतिक पंडित कर रहे हैं।
1. सीएम बनने के बाद अब छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा?
2. चूंकि सांसद विधान सभा का चुनाव जीत गए हैं और सभवत: मंत्री भी बनेंगे ऐसी सूरत में दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस का अगला प्रत्याशी कौन होगा?
3. सीएम के खास माने जाने वाले भिलाई के महापौर देवेंद्र यादव पहले बार विधायक चुने जाने के बाद भी मंत्री बनेंगे?
4. नया चेहरा होने के बाद महापौर से लेकर विधान सभा चुनाव जीतने और प्रदेश के कद्दावर मंत्री को हराने वाले देवेंद्र पर पार्टी बतौर लोकसभा प्रत्याशी दांव लगाएगी?
5. दुर्ग ग्रामीण से प्रतिमा चंद्राकर का टिकट काटकर बी फार्म जमा करने के बाद प्रत्याशी बदलने की समाज की ओर नाराजगी को किस तरह दूर किया जाएगा। क्या प्रतिमा को निगम/मंडल का अध्यक्ष बनाकर उन्हें उपकृत और समाज की नाराजगी दूर की जाएगी? @Patrika