दिल्ली ने किया 800 तो छत्तीसगढ़ में उससे भी कम
दिल्ली में आरटीपीसीआर जांच की दर को 2400 से घटाकर सीधे 800 रुपए करने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस दिशा में मंथन शुरू किया था। अब दिल्ली से भी कम दर पर छत्तीसगढ़ में आरटीपीसीआर जांच करने जल्द आदेश जारी किया जाएगा। इस फैसले को लेने के पीछे सरकार का मकसद आम लोग अधिक से अधिक कोविड-19 का जांच करवाए।
कांग्रेस के नेता खुद कर रहे थे शुल्क कम करने आग्रह
छत्तीसगढ़ वेयरहाउस निगम मंडल के अध्यक्ष व दुर्ग के विधायक अरुण वोरा ने इस पर कहा था कि दिल्ली सरकार ने बेहतर कदम उठाया है, अब वहां आरटीपीसीआर जांच 800 रुपए में हो रही है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री से भी वे आग्रह करेंगे कि जांच की दर कम कर दी जाए। आखिर मंत्री ने अपने पार्टी के नेताओं के आग्रह को मानते हुए इसको लेकर सलाह दे दिया है।
विपक्ष भी उठा रहा था सवाल
एक ही तरह की जांच का शुल्क अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग क्यों है। यह सवाल विपक्ष भी कर रहा था। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के विधायक विद्यारतन भसीन ने कहा है कि दिल्ली में जिस तरह से कोविड-19 जांच के लिए आरटीपीसीआर जांच के शुल्क को 2400 रुपए से घटाकर अब 800 रुपए कर दिया गया है। वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी इसकी जांच कम से कम दर पर हो, इसके लिए राज्य सरकार मंथन करे। विपक्ष की मांग भी इस तरह से राज्य सरकार पूरा कर देगी।
एक निजी लैब में होती है 150 से अधिक लोगो की जांच
जिला में इस वक्त सरकारी फीवर क्लीनिंक को छोड़ दें तो निजी लैब में कम से कम 150 लोग जांच करवाने पहुंच रहे हैं। शासन से तय शुल्क 750 रुपए कर दिया जाता है तो जांच कराने के लिए आने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। सरकारी फीवर क्लीनिंक में आरटीपीसीआर जांच कम से कम हो रही है।
शुल्क 750 रुपए करने दिया है सलाह
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि निजी लैब में जाकर कोविड-19 का आरटीपीसीआर जांच कराने वालों को इस वक्त 1600 रुपए देना पड़ रहा है। अन्य राज्यों में इसकी दर को कम किया गया है। हमने भी सलाह दिया है कि छत्तीसगढ़ में इसकी दर 750 रुपए किया जाए।