इंजीनियरिंग सहित विभिन्न कॉलेज विवि के निर्देश की अवहेलना करते रहे। विवि ने जिनके नाम हटा दिए हैं, उनमें वे प्राचार्य व सहायक प्राध्यापक शामिल हैं, जो वर्तमान में उक्त कॉलेजों में कार्यरत ही नहीं हंै, लेकिन संस्था में उन्हें मौजूद दिखाया गया। कॉलेजों ने जानकारी नहीं भेजी तो विवि ने अपने स्तर पर पड़ताल कर वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कर दिया।
हालांकि जिनके नाम सूची में दर्ज नहीं किए गए हैं, उन्हें 25 मार्च तक दावा-आपत्ति के लिए समय दिया गया है। विवि प्रशासन ने नई वरिष्ठता सूची को 1 जनवरी 2019 के तहत तैयार किया है। रजिस्ट्रार सीएसवीटीयू डीएन सिरसांत ने बताया कि कई संस्थानों ने वरिष्ठता सूची के लिए जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। विवि ने उनके नाम हटाए हैं। उन्हें तय तिथि में दावा-आपत्ति करनी होगी। यह फिलहाल अनंतिम सूची है। बाद में संशोधन के बाद अंतिम सूची जारी करेंगे।
विवि की वरिष्ठता सूची में प्राचार्यों के 17 नाम दिए गए हैं। जबकि विवि से संबंध कॉलेजों की संख्या इसकी ८ गुना है। विवि के पास शेष कॉलेजों के प्राचार्यांे की कोई जानकारियां भेजी ही नहीं गई। सूत्रों के मुताबिक विवि को गुमराह करने के लिए उन्हें छुट्टी पर बताया गया, जबकि कई संस्थानों में प्राचार्य वर्षों से नहीं है।