scriptगदगद हुई ट्विनसिटी, अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा के रोवर चैलेंज चैम्पिनशिप में हुआ दुर्ग की गुरलीन का चयन | City pride gurlin chane got chance to compeet NASA's competition | Patrika News
भिलाई

गदगद हुई ट्विनसिटी, अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा के रोवर चैलेंज चैम्पिनशिप में हुआ दुर्ग की गुरलीन का चयन

र्ग मालवीय नगर निवासी गुरलीन चाने का चयन अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा के ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज चैम्पियनशिप के लिए हुआ है।

भिलाईApr 13, 2018 / 05:05 pm

Dakshi Sahu

gurlin chane durg girl

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भिलाई . ट्विनसिटी का मान एकबार फिर बढ़ गया। हमारे होनहार हर जगह अपनी काबिलियत के बूते पहचान बनाते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही इस बार भी हुआ है। दुर्ग मालवीय नगर निवासी गुरलीन चाने का चयन अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा के ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज चैम्पियनशिप के लिए हुआ है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए गुरलीन अमरीका के लिए रवाना हो गई है। यहां विश्व के लगभग ७० देशों की चुनिंदा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी १५ अप्रेल तक प्रतियोगिता का हिस्सा होंगे। देश से सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी का ही इस प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया है। गुरलीन एलपीयू जलंधर विश्वविद्यालय में बीटेक कंप्यूटर साइंस फाइनल ईयर की छात्रा है। वह देश की तीनों विश्वविद्यालयों के टॉप-३ विद्यार्थियों की सूची में शामिल हुई हैं, जिन्हें नासा की प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिला है। गुरलीन पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल रही हैं, उन्होंने कंप्यूटर साइंस करते हुए मैकेनिकल इंजीनियरिंग की बारीकियों का भी अध्ययन किया है। गुरलीन चाने दुर्ग निवासी परमिंदर और नम्रता चाने की सुपुत्री है और स्वर्गीय रणवीर सिंह चाने व दिलजीत कौर चाने की सुपोत्री हैं। उनकी इस कामयाबी से पूरा शहर गौरवांवित हुआ है।
कामरान कर चुका है नासा के साथ काम
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर बेसिक साइंस में पढ़ रहे भिलाई के होनहार छात्र कामरान अंसारी को अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने प्रोजेक्ट के लिए चुना था, उन्होंने भी विश्व की सबसे बेहतर मानी जाने वाली स्पेस एजेंसी नासा के प्रोजेक्ट में काम किया है। कामरान ने नासा के वैज्ञानिकों की टीम के साथ हैदराबाद में नेशनल बलून फैसिलिटी सेंटर के प्रोजेक्ट में काम किया। कामरान के साथ रायपुर के दो अन्य छात्रों का भी चयन हुआ था। इससे पहले ट्विनसिटी के विद्यार्थियों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया था। यह क्रम जारी है, लेकिन नासा के प्रोजेक्ट में हमारे होनहारों की मौजूदगी शहर का नाम रोशन कर रही है। कामरान सेक्टर-६ के रहने वाले हैं, जो फिलहाल रविवि में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
हमारे होनहार ने बनाया था सेटेलाइट
इससे पूर्व हमारे होनहार टेक्नोके्रेट्स सबसे छोटा सेटेलाइट स्पेस में भेजने के लिए भी पहचान बना चुके हैं। इसरों की मदद से सबसे छोटा स्पेस शटल बेमेतरा के छात्र रोहन ने तैयार किया था। वह आईआईटी मुंबई के छात्र थे, जो अभी एयरोस्पेस पर रिसर्च कर रहे हैं।

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