जिला अस्पातल से लाकर रखा जाएगा ब्लड
जिला अस्पताल, दुर्ग से ब्लड लाकर इस मशीन में रखा जाएगा। हर ग्रुप का ब्लड रखने की व्यवस्था इसमें है। मरीज को जिस ग्रुप का ब्लड जरूरत होगा, उसके मुताबिक ब्लड दिया जा सकेगा। पहले अस्पताल में दाखिल मरीज के शरीर में ब्लड की कमी देखकर जिला अस्पताल तुरंत रेफर कर दिया जाता था। अब यह दिक्कत खत्म हो जाएगी।
निजी ब्लड बैंक भागते थे मरीज के रिश्तेदार
मरीज को अगर ब्लड की जरूरत पड़ जाती थी, तब निजी ब्लड बैंक की तरफ लोग भागते थे। खासकर जब डेंगू की शिकायत सामने आ रही थी तब लोग अधिक परेशान हो रहे थे। ब्लड के लिए लोग इधर-उधर भटकते भी देखे जा रहे थे। अब अस्पताल में ही ब्लड मिल पाएगा। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए व्यवस्था पहले से ही कर लिया था।
नोडल भी किए तय
सिविल हॉस्पिटल, सुपेला में बीएसयू की नोडल डॉक्टर मंजू राठौर को बनाया गया है। बीएसयू के शुरू होने के बाद यहां की व्यवस्था उनके जिम्मे होगी। दुर्ग से आने वाले ब्लड का समय और उसके एक्सपायरी होने की तारीख वगैरह पर वे नजर रखने का काम करेंगी।
400 से अधिक है ओपीडी
सिविल हॉस्पिटल में 400 से अधिक ओपीडी है, यहां मरीजों को दाखिल भी किया जाता है। मरीज की हालत खराब होने पर चिकित्सक उसे तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। इस व्यवस्था में अब तब्दीली आने का समय आ गया है। अस्पताल में धीरे-धीरे जरूरत के उपकरण लगाए जा रहे हैं। विशेषज्ञ की कमी दूर हो जाए तो जिला अस्पताल के लिए मरीजों को रेफर करना ही बंद कर दिया जाए। यहां विशेषज्ञ की कमी बनी हुई है।
बीएसयू को लेकर तैयारी
डॉक्टर पीयाम सिंह, प्रभारी सिविल हॉस्पिटल, सुपेला ने बताया कि ब्लड स्टोरेज यूनिट शुरू करने को लेकर तैयारी कर ली गई है। अस्पताल में इसके लिए जगह भी तय हो गया है। बीएसयू को लाकर रखा गया है। जिला अस्पताल से लाकर यहां ब्लड रखा जाएगा। जिस मरीज को जरूरत होगा, उसे चढ़ाया जाएगा।