scriptLive Report: ये है निगम की नकारा टीम, कोचिंग सेंटर्स की जांच छोड़ पहुंचे मेडिकल स्टोर, सीढ़ी चढऩा गवारा नहीं तो दरवाजे से लौटे | Coaching institution in Bhilai, Bhilai nigam | Patrika News
भिलाई

Live Report: ये है निगम की नकारा टीम, कोचिंग सेंटर्स की जांच छोड़ पहुंचे मेडिकल स्टोर, सीढ़ी चढऩा गवारा नहीं तो दरवाजे से लौटे

जांच तो दूर निगम की नकारा टीम ने कोचिंग इंस्टीट्यूट छोड़ पहले मेडिकल स्टोर फिर निजी घरों में घुस गई।

भिलाईMay 28, 2019 / 12:48 pm

Dakshi Sahu

patrika

Live Report: ये है निगम की नकारा टीम, कोचिंग सेंटर्स की जांच छोड़ पहुंचे मेडिकल स्टोर, सीढ़ी चढऩा गवारा नहीं तो दरवाजे से लौटे

भिलाई. सूरत के कोचिंग सेंटर में आग लगने से छात्रों की मौत के बाद मंगलवार को नगर निगम की टीम भिलाई सिविक सेंटर स्थित कोचिंग सेंटर्स की जांच करने पहुंची। जांच तो दूर निगम की नकारा टीम ने कोचिंग इंस्टीट्यूट छोड़ पहले मेडिकल स्टोर फिर निजी घरों में घुस गई। एक घंटे बाद किसी तरह कोचिंग सेंटर का रूख किया तो सीढ़ी चढऩा मुनासिब नहीं समझा। दरवाजे से संचालक को पूछा कितने लोग पढ़ते हैं नोट किया और फिर चलते बने।
संचालकों ने भी बड़ी चालाकी से सैकड़ों बच्चों की जगह 20, 30 का आंकड़ा निगम की जांच टीम को नोट करा दिया।बिल्डिंग के अंदर फायर सेफ्टी के इंतजाम है कि नहीं यह देखना भी जरूरी नहीं समझा। पत्रिका के रिपोर्टर मोहम्मद जावेद और फोटो जर्नलिस्ट गौकरण निषाद स्वयं निगम की टीम के साथ जांच स्थल पहुंचे। जांच टीम का रवैया देखकर वे हैरान हो गए। जिसकी लाइव कवरेज आप पढ़ रहे हैं। जांच टीम कोचिंग संचालकों को फायर सेफ्टी के इंतजाम करने के लिए निवेदन करती दिखी जबकि उन्हें नोटिस देकर चेताना था। फायर सेफ्टी नहीं होने पर कार्रवाई करनी है।
ptarika
देख लीजिए जवाबदारों को है कितनी फिक्र
नगर निगम प्रशासन, भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन और पुलिस को हमारी कितनी फिक्र है देख लीजिए। सूरत के कोचिंग सेंटर जैसे हमारे शहर में संचालित संस्थानों के भी हाल हैं। भगवान न करे अगर यहां भी कभी ऐसे हादसे हो गए तो बच्चों की जान मुश्किल में पड़ जाएगी, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह ही नहीं है। डीआइजी ने सभी कोचिंग सेंटर्स में अग्रि हादसों से बचाव के इंतजाम की जांच के आदेश दिए हैं, मगर जिला पुलिस दो दिन में जांच टीम भी नहीं बना पाई।
बीएसपी प्रबंधन जिसकी सबसे पहली जवाबदारी है, क्योंकि उनके ही क्षेत्र व बनाए बिल्डिंग में अधिकांश कोचिंग सेंटर संचालित हैं, अभी तक झांकना तो दूर एक निर्देश भी जारी नहीं किया है। नगर निगम प्रशासन जिन्हें बिल्डिंग कोड से संबंधित नियमों का पालन करवाने और कार्रवाई का अधिकार है, उसकी टीम खानापूर्ति करते हुए बाहर से ही देखकर लौट आई।
डीआईजी डांगी ने जारी किया था आदेश
डीआइजी रतन लाल डांगी ने शहर के सभी कोचिंग व ट्यूशन सेंटरों में सुरक्षा इंतजाम की जांच करने का आदेश जारी किया है। यह अभियान केवल दुर्ग जिला ही नहीं बल्कि बालोद, बेमेतरा व राजनादगांव में भी चलेगा। इसके लिए एएसपी के निर्देश में एक टीम बनाई जाएगी। जो मौके पर जाकर सुरक्षा मापदंडों को देखेगी। डीआइजी के इस फरमान के बाद सभी जिले के एसपी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट मांगी है। हालांकि जांच के लिए समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है।
जवाबदारी निगम और बीएसपी की, फिर भी हम अपना काम करेंगे
एएसपी दुर्ग रोहित झा ने इस मामले में कहा कि कोचिंग व ट्यूशन सेंटरों की सुरक्षा ऑडिट करने का आदेश डीआइजी ने दिया है। जल्द ही टीम बनाकर काम शुरू करेंगे। दरअसल सुरक्षा संबंधी व्यवस्था है कि नहीं, इसे नगर निगम और बीएसपी प्रबंधन को देखना है। शर्त और नियम क्या है, इसके बारे में जानकारी लेकर हमारी टीम सुरक्षा की ऑडिट करेगी।
पुलिस को ऐसे करना है जांच
अधिकारियों का कहना है कि हर जिले की टीम को एएसपी स्तर के अधिकारी लीड करेंगे। टीआई अपने-अपने क्षेत्र में संचालित कोचिंग व ट्यूशन सेंटर की सूची बनाकर स्थल निरीक्षण करेेंगे। इसके बाद सभी अपनी रिपोर्ट एएसपी को देंगे।
ये होंगे जांच के बिंदु
1. भवन नक्शे के हिसाब से बना है कि नहीं?
2. भवन पूर्णता प्रमाण पत्र की शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं?
3. भवन बनाते समय अनुमति कोचिंग संस्थान संचालित करने ली है या किसी अन्य प्रयोजन से?
4. व्यावसायिक प्रायोजन के लिए फायर सेफ्टी व अलार्म की व्यवस्था है कि नहीं?
5. आपातकालीन दरवाजा है या नहीं?
6. भवन बनाते समय ओपन स्पेस छोड़ा गया है कि नहीं

Home / Bhilai / Live Report: ये है निगम की नकारा टीम, कोचिंग सेंटर्स की जांच छोड़ पहुंचे मेडिकल स्टोर, सीढ़ी चढऩा गवारा नहीं तो दरवाजे से लौटे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो