तमाम दस्तावेज किए एकत्र
जांच टीम ने मदर चाइल्ड अस्पताल पहुंचते ही यहां मरीज से संबंधित दस्तावेज मांगा। जांच टीम ने मरीज को रायपुर रेफर करने के दस्तावेज, गर्भवती महिला के पति के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज, मरीज की जांच और अस्पताल में एक दिन दाखिल रहने के दौरान दिए गए दवा की पर्ची वगैरह भी लिया।
सीसीटीवी फुटेज के सहारे खुल सकती है पोल
मदर चाइल्ड अस्पताल के भीतर और बाहर दोनों ही जगह सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं। अगर उसे देख लिया जाए तो साफ हो जाएगा कि पीडि़त परिवार किसके दिशा निर्देश पर मेकाहारा अस्पताल, रायपुर की जगह निजी नर्सिंग होम पहुंच गया था। सीसीटीवी फुटेज में यह भी साफ हो जाएगा कि वे 108 एंबुलेंस में सवार होकर निकले क्या। अस्पताल के भीतर पीडि़त परिवार के सदस्य को कौन सलाह दे रहा है।
सीजर ऑपरेशन को भेजते हैं रायपुर
बालोद से एक महिला डिलीवरी करवाने के लिए जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड यूनिट में पहुंची थी। यहां कोविड-19 जांच में वह पॉजिटिव आ गई। उसे एक दिन दाखिल कर रखा गया। जिला अस्पताल में नार्मल डिलीवरी कोरोना संक्रमित मरीज की करते हैं, लेकिन मामला सीजर ऑपरेशन का था इस वजह से मेकाहारा अस्पताल, रायपुर के लिए भेज दिया गया।
रायपुर को भी दे दी गई थी जानकारी
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर पी बालकिशोर ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी संक्रमित मरीज की सामान्य डिलीवरी मदर चाइल्ड अस्पताल में की जाती है। वहीं मामला सीजर का होता है तब मेकाहारा अस्पताल, रायपुर के डॉक्टर से चर्चा करने के बाद दस्तावेज देकर भेजा जाता है। यहां भी वैसे ही किया गया। वे किसी निजी नर्सिंग होम में कैसे चले गए यह नहीं मालूम। इसके लिए १०८ एंबुलेंस को फोन भी किए।
अस्पताल में हो रही यह चर्चा
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने जांच के आदेश देते हुए ३ सदस्यों की कमेटी गठित कर दी है। कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है। इधर अस्पताल में कर्मचारी चर्चा कर रहे हैं कि निजी अस्पताल में डॉक्टरों का आना-जाना रहता है। इस वजह से किसी भी नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई होने की बात आती है तो बचाव में भी एक लॉबी काम करती है। जांच कमेटी गठित करने के बाद दूसरे दिन जांच दल सक्रीय हुआ है। तब तक निजी नर्सिंग होम को बचाव के लिए पर्याप्त समय मिल गया है। इस मामले में जांच कमेटी के हाथ अब क्या लगता है, यह बड़ा सवाल है।