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भिलाई

बीएसपी के स्टोर से ब्राजील का फेरो नियोबियम पार कर, छुपाया तहखाने में

ब्राजील से आयात किए जाने वाले फेरो नियोबियम के 58 बोरे स्टोर से चोरों ने पार कर, इसे चोर बंद पड़े ब्लास्ट फर्नेस-२ के तहखाने में छुपाए थे।

भिलाईFeb 05, 2019 / 11:37 pm

Abdul Salam

BHILAI

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भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन लगातार चोरी होने के बाद भी स्टोर पर नजर रखने में कामयाब नहीं हो रहा है। यही वजह है कि ब्राजील से आयात किए जाने वाले फेरो नियोबियम के 58 बोरे स्टोर से चोरों ने पार कर दिया था। इसे वे बंद पड़े ब्लास्ट फर्नेस-२ के तहखाने में ले जाकर छुपाए थे। चोरी की सूचना मिलने के बाद सीआईएसएफ की क्राइम ब्रांच ने चप्पे-चप्पे पर तलाशी ली तब जाकर यह कीमती सामान बरामद हुआ। इस सफलता के लिए प्रबंधन व सीआईएसएफ के आला अधिकारी बीएसपी में तैनात सीआईएसएफ की क्राइम टीम को शबाशी दे रही है, वहीं दूसरी ओर इतना वजनी सामान स्टोर से निकलकर कब और कैसे ब्लास्ट फर्नेस के तहखाने तक पहुंचा, इसका जवाब कोई नहीं दे पा रहा है।
बीएसपी के स्टोर से कीमती सामान पार होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले लाखों के सामान पार हो चुके है। जिसकी तलाश अब तक जारी है, लेकिन सीआईएसएफ के हाथ कुछ नहीं लगा है।
एसएमएस-1 के सब स्टोर से पार हो गई 58 बोरी
ब्राजील से आयात की जाने वाले मिश्रित धातू (फेरो नियोबियम) को चोरों ने 29 जनवरी 2019 को एसएमएस-1 के सब स्टोर से पार किया। यहां से एक दो नहीं बल्कि पूरी 58 बोरी निकालकर ले गए। इन बोरियों को कोई शर्ट या पेंट में छुपाकर नहीं ले जा सकता था, फिर इनको किस तरह और कब लेकर गए, यह सवाल अब भी बना हुआ है।
25 लाख का सामान चोर कर दिए थे पार
सब स्टोर से पार की गई एक-एक बोरी की कीमत ५-५ लाख रुपए थी। इस तरह २५ लाख का सामान चोरों ने यहां से आसानी से उड़ा दिया। न कर्मचारियों को पता चला और न अधिकारियों को। यह हैरान करने वाली बात है।
अलग-अलग टीम को दी जिम्मेदारी
उप महानिरीक्षक उत्तम कुमार सरकार ने अलग-अलग टीम को जिम्मेदारी सौंपकर संयंत्र के भीतर व बाहर रवाना किया। मिश्रित धातू के पार होने की सूचना जब भट्ठी पुलिस को दी गई, तब सीआईएसएफ सक्रीय हो गई। इसके बाद सीआईएसएफ की क्राइम टीम ने बीएसपी के चप्पे-चप्पे में तलाशी अभियान चलाया।
डॉग स्कॉड से की तलाशी
30 जनवरी 2019 से सीआईएसएफ के डॉग स्कॉड से तलीश की गई, संयंत्र के सभी गेटों की ऐक्सस कंट्रोल के लिए अलग से बल तैनात किए। सीसीटीवी के माध्यम से हर ओर निगरानी रखी गई। तैनात बल सदस्यों ने संयंत्र के विभिन्न अहम जगह पर सर्वलेंस रखा गया।
सघन तलाशी में तहखाने के नीचे मिला 42 बोरी
इस खोजी अभियान के दौरान शनिवार को इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर सीआईएसएफ ने ब्लास्ट फर्नेस-2 को घेर लिया। यहां जब सघन तलाशी अभियान चलाया गया और बंद पड़े ब्लास्ट फर्नेस -2 के तहखाने से 42 बैग की बरामदगी की गई। जिसकी कीमत तकरीबन 20 लाख है।
मिली प्रशंसा
सीआईएसएफ को इस सफलता के लिए बीएसपी व सीआईएसएफ के अधिकारियों की ओर से प्रशंसा मिल रही है। वहीं बीएसपी में लगाए गए तमाम कैमरे पर प्रबंधन ने जो खर्च किया, उसका क्या लाभ मिल रहा है, वह सवालों के घेरे में है।
पहले भी पार हो चुका विदेशी वेल्डिंग रॉड
बीएसपी के सेंट्रल स्टोर से 2011-12 के दौरान तकरीबन 8.5 लाख से अधिक के वेल्डिंग रॉड चोरी गए थे। एक पैकेट में तकरीबन 5 किलो की पैकिंग होती है। इस तरह के करीब 32 पैकेट स्टोर से पार किए गए। इस तरह से करीब 160 किलोग्राम वेल्डिंग रॉड की चोरी हुई। तमाम तलाशी के बाद सीआईएसएफ के हाथ कुछ नहीं लगा।
32 ट्यूर्स का भी कोई पता नहीं
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस-1 से 7 में लगाने के लिए एडवांस में ट्यूर्स प्रबंधन मंगवाता है। एक-एक ट्यूर्स का वजन 100-100 किलो होता है। जून 2018 में एक मामला प्रकाश में आया कि संयंत्र से 32 ट्यूर्स पार हो गए। हर अधिकारी इस बात से हैरान था कि आखिर 100-100 किलो के ट्यूर्स को कोई कैसे उठाकर ले जा सकता है। अगर लेकर जाए भी, तो वह जिस क्रेन से उठाया जाएगा और जिस ट्रक पर लेकर जाएंगे, वह तो नजर आएगा। संयंत्र में सीसीटीवी कैमरा लगने के बाद यह हालात हैं।

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