स्थिति बिगडऩे पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मंगलवार से डायलिसिस पर थे। इस तरह से डेंगू से अब तक ३५ लोगों की जान जा चुकी है।
मौसम खुलने के बाद संक्रमण और वायरल का खतरा बढ़ गया है। लोगों में सर्दी, खांसी हाथ पैर और बुखार की शिकायतें बढ़ गई है। शासकीय लाल बहादुर चिकित्सालय, छावनी, कोहका, खुर्सीपार सहित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पीडि़त लोगों की भीड़ देखने को मिली। वहीं दो दिनों की तुलना में डेंगू बुखार से पीडि़त लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।
जिले में मंगलवार तक पॉजीटिव मरीजों की संख्या ७६ थी। वह आंकड़ा बुधवार को बढ़कर 196 हो गई। इसमें से मात्र 76 लोगों को भर्ती हुए। बाकी लोगों का सीबीसी टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल किया गया है। वहीं102 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई।
दौरे पर बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री से लोगों ने कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) रिपोर्ट के लिए २४ घंटा इंतजार करने की शिकायत की। वहीं एक व्यक्ति ने गिंदौड़ी देवी हॉस्पिटल में सीबीसी की जांच के लिए पैसे मांगने की बात कही। जिस पर कलेक्टर उमेश अग्रवाल ने कहा कि शासन की सूची में उस अस्पताल का नाम नहीं है। नजदीक में शासकीय अस्पताल है। यहां मुफ्त में इलाज की सुविधा है। जिस पर मंत्री ने प्रभारी को मरीज का सीबीसी जांच करने कहा। मंत्री खुर्सीपार हॉस्पिटल में लगभग १० मिनट रहे। इस बीच लैब, ओपीडी और मेटरनिटी वार्ड का जायजा लिया।