scriptकॉलेज के सीनियर कभी ना करें रैंगिंग, क्योंकि फ्रेशर स्टूडेंट्स भी हैं आपके अपनों जैसे | DIG Dangi gives message to students, Never senior college ranks | Patrika News
भिलाई

कॉलेज के सीनियर कभी ना करें रैंगिंग, क्योंकि फ्रेशर स्टूडेंट्स भी हैं आपके अपनों जैसे

रैगिंग का नाम सुनते ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही शिक्षा संस्थानों चाहे वह इंजीनियरिंग हो या मेडिकल या फिर डिग्री कॉलेज फ्रेशर स्टूडेंट्स के मन में इसका डर जरूर होता है कि सीनियर स्टूडेंट्स उनके साथ कैसा व्यवहार करेंगे।

भिलाईJul 19, 2019 / 05:06 pm

Dileshwar Chandrakar

patrika

कॉलेज के सीनियर कभी ना करें रैंगिंग, क्योंकि फ्रेशर स्टूडेंट्स भी हैं आपके अपनों जैसे

भिलाई@Patrika. रैगिंग का नाम सुनते ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही शिक्षा संस्थानों चाहे वह इंजीनियरिंग हो या मेडिकल या फिर डिग्री कॉलेज फ्रेशर स्टूडेंट्स के मन में इसका डर जरूर होता है कि सीनियर स्टूडेंट्स उनके साथ कैसा व्यवहार करेंगे। इस भय से नए छात्र पूरे एक साल मानसिक तनाव में रहते है। साथ ही परिवार के लोग भी परेशान होते हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस के डीआईजी रतनलाल डांगी

रैगिंग के हजारों मामले या तो प्रकाश मे ही नहीं आते है या पता चलने पर उन्हें संबंधित संस्थान अपनी बदनामी या अन्य कारणों से दबाने का प्रयास करती है। युवा भविष्य के सुन्दर सपनों के साथ इन बड़े बड़े शिक्षा संस्थानों में कदम रखते है ,पर जब रैगिंग की गिरफ्त में आते हैं तो गंभीर मानसिक तनाव, डिप्रेशन के साथ साथ वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने से नहीं पीछे हटते। छत्तीसगढ़ पुलिस के डीआईजी रतनलाल डांगी ने उन युवाओं को यह संदेश दिया है जो कॉलेज में सीनियर हैं। उन्होंने कहा कि वे जूनियर्स को अपने भाई-बहन की तरह समझें और उनसे वैसा ही व्यवहार करें जैसे वे अपने दोस्तों से करते हैं।

एेसा व्यवहार हो तो समझें रैगिंग है
डीआईजी डांगी ने रैगिंग को लेकर सावधान करते हुए जूनियर्स के लिए टिप्स दिए हैं। कौन सा व्यवहार रैगिंग के दायरे में आता है। जैसे किसी सीनियर स्टूडेंट या उनके ग्रुप की ओर से अपनी वरिष्ठता को स्थापित करने के उद्देश्य से किया जाने वाला आक्रामक व्यवहार, पुराने छात्रों का नए छात्रों पर धौंस जमाना जिसके तहत मौखिक प्रताडऩा या अपमान, अमानवीय व कठिन कार्यों को करने उकसाना या असामाजिक कार्य को सबके सामने करने के लिए विवश करना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि अश्लील एवं अपमानजनक बातें करना, द्विअर्थी प्रश्न पूछना, थप्पड़ मारना, अखाद्य पदार्थों को खाने के लिए विवश करना, एक पैर पर खड़ा रखना, सिर नीचे कर सीनियर से बात करना, विभिन्न शारीरिक मुद्राएं बनवाना, लैगिंग अपमान करना, विशेष किस्म के कपड़े पहनने व न पहनने को विवश करना भी रैगिंग की श्रेणी में आता है।

जान लीजिए रैगिंग करना कानूनन अपराध है
डीआईजी डांगी ने कहा कि रैगिंग का एक मात्र कारण पुराने छात्रों का नवागंतुकों पर अपनी प्रभुसत्ता का अहसास दिलाना होता है। इसके लिए वे ऐसे कृत्य करते हैं, लेकिन उन्हें शायद यह नहीं पता कि वे संविधान के अनुच्छेद 21 में वर्णित प्राण व दैहिक स्वतंत्रता का हनन करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी रैगिंग को गैर कानूनी घोषित किया है। कई राज्य सरकारों ने इसे रोकने कानून भी बनाए हैं। फिर भी रैगिंग बढ़ती ही जा रही है। क्योंकि फस्र्ट इयर में जो छात्र इसका शिकार होता है वह सीनियर बनते ही जूनियर्स के साथ वैसा ही व्यवहार करता ह जैसा उसके साथ हुआ था और रैगिंग का यह क्रम जारी रहता है।

कॉलेज प्रबंधन करे सहयोग
संस्थान की बदनामी के भय से रैगिंग के मामले में कॉलेज प्रबंधन लीपापोती करने के बजाय पुलिस का सहयोग लें। कॉलेज कैंपस में अनुशासन स्थापित करने का दायित्व उनका अपना होना चाहिए। इस समस्या को स्वीकार कर इसके निराकरण के वैकल्पिक उपायों पर भी ध्यान देना होगा। जिससे शिक्षा संस्थानों की गरिमा और उपयोगिता बनी रहे।

सीनियर भी समझें
उपमहानिरीक्षक ने समझाइश दी कि नव प्रवेशी आपका ही छोटा भाई या बहन है, कितनी मुसीबतों के बाद उनके माता-पिता ने एडमिशन कराया होगा। कितनों ने मुसीबतें झेलकर, पैसा उधार ले लेकर अपने लाडलों को यहां तक भेजा होगा। यदि ऐसे स्टूडेंट्स रैैगिंग का शिकार होकर सुसाइड जैसा कदम उठा लें तो उनके परिवार पर क्या गुजरेगी? यह कल्पना करना ही भयावह है। सीनियर स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी है कि यदि वे कॉलेज में कोई ऐसी घटनाओं तो देखते हैं तो इसकी सूचना प्रबंधन और पुलिस को जरूर दें।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर ..

ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.

Home / Bhilai / कॉलेज के सीनियर कभी ना करें रैंगिंग, क्योंकि फ्रेशर स्टूडेंट्स भी हैं आपके अपनों जैसे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो