उक्त शिक्षिका का हाल ही में रिटायरमेंट हुआ है। जीपीएफ सहित तमाम मद की राशि के लिए स्कूल की तरफ से पूरी प्रक्रिया संपन्न करने के बाद फाइल डीइओ कार्यालय भेजी गई। डीईओ के हाथ में फाइल आते ही, उन्होंने हस्ताक्षर कर शिक्षिका को सौंप देने के लिए आगे प्रेशित कर दिया। फाइल लेखापाल रज्जन के पास आई तो उसने शिक्षिका को फाइल देने के बजाए उसे दबाकर बैठ गया। बाबू ने इसी बीत कहीं से शिक्षिका का मोबाइल नंबर जुटाया और ३ से १० जून तक लगातार फोनकर कहने लगा कि मैडम आप फाइल लेने कब आएंगी? १० जून को मैडम ने स्कूल के अन्य बाबू से कहा कि आप मुझे यह फाइन लाकर दे दें। जैसे ही वे रज्जन के पास पहुंचे तो, उसने यह कहकर बात को टाल दिया कि मैडम के हाथ में ही फाइल दूंगा। पहले हमारा खर्चा-पानी तो मिल जाए।
इसी दिन बाबू ने दोबारा से शिक्षिका को फोन लगाया और बोला कि मैडम फाइल तभी आगे बढ़ेगी, जब ४ फीसदी के हिसाब से हमारा खर्चा पानी मिलेगा। फिलहाल तो एडवांस के तौर पर ५ हजार रुपए लेकर आइएगा। बाकी बाद में देख लेंगे। रज्जन की घूसखोरी से तंग आकर शिक्षिका व उनके पति ने उक्त पूरी बात रिकॉर्ड कर ली। जिसे सुनने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने रज्जन लाल कहार का निलंबन आदेश जारी कर दिया।
यह मेरे लिए दुर्भाग्य की बात है। हर बैठक में बोलता आ रहा हूं कि मुझे करप्शन फ्री विभाग चाहिए। रज्जन लाल के खिलाफ दोष सिद्ध हुआ है, जिसके लिए निंलबित किया गया।