सांसद विजय बघेल ने अनशन के समर्थन में आए सभी लोगों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण और कंस की संज्ञा देते हुए कहा कि पाटन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की धरती है। इस धरती को मुख्यमंत्री झूठ और फरेब की राजनीति कर बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दशहरा में गांव-गांव में सरकार का पुतला फूंका जाएगा। झूठ फरेब करके सत्ता हासिल करने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त करना चाहते हैं। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। बघेल ने कहा अगर मैं कार्यकर्ताओं का सम्मान नही कर पाउं तो मेरा सांसद बनना व्यर्थ है।
पूर्वमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा ये लड़ाई सिर्फ विजय बघेल की नही है। ये लड़ाई पूरी भाजपा की लड़ाई है। भाजपा के एक कार्यकर्ता को जेल में डालेगें तो हर कार्यकर्ता जेल जाने को तैयार है। हम कांग्रेस के जैसे रेत,कोयला,दारू माफिया नही है। इस सरकार को उखाडऩे की शुरुआात मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से हो गई है। ये चिंगारी पूरे प्रदेश में फैलेगी।
राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा ये लड़ाई भाजपा के हर कार्यकर्ता को संबंल देने वाला और भूपेश सरकार की चूलें हिलाने वाली है। पुलिस प्रशासन सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहा है। जनता की चिंता नहीं है। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में किसी के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज नहीं हुए।
पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा जमीन की लड़ाई लडना और अंजाम तक पहुंचाना भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही कर सकते है। कांग्रेस के कार्यकर्ता लॉकडाऊन के दौरान शराब की कोचियागिरी कर रहे थे। पाटन से शुरुवात पूरे प्रदेश की संघर्ष में बदल सकती है।
सभा में दो बार कार्यकर्ता असहज हो गए। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने अपने संबोधन के अंत में विजय बघेल की जगह भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे लगा दिए। गलती का एहसास होते ही विजय बघेल का नाम लेकर नारा लगाए। दूसरी बार कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला भाजपा महामंत्री देवेंद्र चंदेल की जुबान फिसल गई। साजा विधानसभा से संबोधन के लिए वहां के पूर्व विधायक लाभचंद बाफना को बुलाने की जगह मंत्री व साजा विधायक रविन्द्र चौबे नाम ले डाला। तुरंत गलती का आभास होते ही सुधार कर बाफना का नाम लिया।
भाजपा सांसद विजय बघेल के अनशन पर पांचवे दिन उनके साथ भाजपा के 50 कार्यकर्ता भी अनशन पर बैठे थे। इन सभी कार्यकर्ताओं को सांसद विजय बघेल,प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू एव भाजपा के अन्य नेताों ने हार पहनाकर अनशन पर बैठाया। इनमें चरोदा महापौर चन्द्रकान्ता मांडले,जामुल नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रेखराम बंछोर, जनपद सदस्य उत्तरा सोनवानी, योगेश्री साहू, घनश्याम कौशिक,रवि सिन्हा, रेवती सोनकर,निर्मला वर्मा,जिनेश जैन, टिकेंद्र वर्मा,शरद वर्मा,गायत्री साहू सहित अन्य शामिल थे।
अनशन के पांचवे दिन पाटन में राजीतिक सरगर्मी चरम पर रही। जहां भाजपा नेताओं का जमावड़ा लगा रहा वहीं कांग्रेस के नेता भी नजर रखे हुए थे। वे भाजपा के अगले कदम के बारे में जानने को उत्सुक थे। अनशन स्थल पर पूर्वमंत्री रमशीला साहू, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल, वैशालीनगर विधायक विद्यारतन भसीन, प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू, पूर्व विधायक नवीन मार्कण्डेय डोमन लाल कोर्सेवाडा, कैलाश शर्मा, बालमुकुंद देवांगन, भिलाई की पूर्व महापौर निर्मला यादव, सीता साहू, नरेंद्र यादव, अश्वनी टंडन, मनोज शर्मा, जिला पंचायत सदस्य मोनू साहू, शरद बघेल, प्रमोद सिंह, रंजीत सिंह, गायत्री साहू, सुलेन साहू, रानी बंछोर,हर्ष भाले,राज देवांगन, अखिलेश मिश्रा, बाबा वर्मा, दिलीप केशरवानी, समेत दुर्ग,भिलाई,बालोद,बेमेतरा, धमधा,अहिवारा,सहित अन्य जगहों से भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
लॉकडाउन के दौरान जामगांव(एम) शराब दुकान को बंद करवाने के लिए सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया था। जिसमें 11 लोगों के खिलाफ शराब लूटने व शासकीय कार्य मे बाधा पहुंचाए जाने की धारा के तहत करवाई की गई थी। इनमें से 7 लोगों की अग्रिम जमानत हो गई है। तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बुधवार से सांसद विजय बघेल मंडी प्रांगण पाटन में जेल भेजे गए भाजपा कार्यकर्ताओं की निशर्त रिहाई की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे थे।