आरोपी सोमवार की रात करीब 11 बजे ज्वेलर्स की छत पर पहुंचा था। दूसरे दिन मंगलवार को तोड़-फोड़ के बाद शाम तक जेवर समेटते रहा। रात 11 बजे के बाद बाहर निकला।
आरोपी ने तीन दिन पहले ही अपना मोबाइल बंद कर दिया था। इसके कारण टॉवर डंप से मदद नहीं मिली। रैन बसेरा में आराम फरमाते पकड़ा गया
शुक्रवार तड़के लोकेश को दुर्ग बस स्टैंड के रैन बसेरा के डोरमेट्री में आराम करता पकड़ा गया। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर चोरी करना कबूल कर लिया।
मैं करीब 20 दिन पहले आकाशगंगा सुपेला आया था। यहां पारख ज्वेलर्स के बगल में मकान बनते देखा। बांस की चैली बंधी हुई थी। मेरे दिमाग में आया कि इसके सहारे तो मैं पारख ज्वेलर्स में आसानी से पहुंच सकता हंू। इसके बाद चोरी की योजना बनाई।
सप्ताहभर पहले कपड़ा खरीदने के बहाने सोमवार के दिन यहां फिर आया। पारख ज्वेलर्स की रेकी की। मैंने सब तरफ घूम-घूमकर देखा। ज्वेलर्स की छत पर एक दरवाजा बाहर से दिख रहा था। मैंने उसी समय तय कर लिया यह मेरे लिए काफी है। निर्माणधीन घर बिलकुल सटा है, मेरा काम आसान हो गया। मंगलवार को मार्केट बंद रहेगा आसानी से चोरी कर सकता हंू।
मंगलवार की सुबह छत पर बने कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर घुसा। लिफ्ट के चेंबर की ईंट की दीवार को तोड़ा। फिर लिफ्ट की रॉड के सहारे ही नीचे उतरा। तब तक दोपहर के करीब पौने दो बज चुके थे। पहले सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को बंद किया। इसके बाद ग्राइंडर मशीन से लॉकर का रॉड काटा और जेवर तक पहुंच गया।
सबसे पहले गिरवी रखे जेवरात को समेटा। लॉकर की तरफ बढ़ा। बैग में जितना जेवर आ सकता था भरता गया। जब देखा के अब जगह नहीं है, तो बाकी छोड़ दिया। इतना अनुमान हो गया था कि अब मैं बहुत लंबा हाथ मार लिया हंू। इतनी काफी है। शाम करीब 4 बजे लिफ्ट के उसी रास्ते से होकर फिर छत पर पहुंच गया। जैसे ही रात हुआ करीब 12 बजे चैली उतरकर भाग निकला।
मैं सोमवार की रात करीब 11 बजे चोरी करने पहुंच गया। बांस की चैली के सहारे पहले निर्माणाधीन बिल्डिंग पर चढ़। वहां एक छोटी चैली रखी थी। उसे नई बिल्डिंग और पारख ज्वेलर्स की छत के बीच रखकर आसानी से पहुंच गया। सबसे पहले छत पर लगे सीसीटीवी कैमरे को ऊपर की ओर मोड़ दिया। इसके बाद पूरी रात मैंने पारख ज्वेलर्स की छत पर बिताई।
आरोपी पूर्व में चोरी के 13 मामलो में गिरफ्तार हो चुका है। वह कवर्धा जिले का तड़ीपार भी है। तीन महीने पहले नवंबर 2019 में ही जेल से छूटकर आया था। और चोरी की इस बड़ी वारदात को फिर अंजाम दिया।
आईजी ने बताया कि मामले में 125 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें ज्वेलर्स में अभी काम कर रहे और पूर्व कर्मी, निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम करने वाले मुर्शिदाबाद के मजदूर और मार्केट के सभी चौकीदार शामिल थे।
टावर डंप के जरिए 12 हजार मोबाइल नंबरों का एनालिसिस किया गया।
मार्केट के अलावा आसपास एवं अन्य प्रमुख स्थानों के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला गया।
पुराने वारदातों की हिस्ट्री खंगाली। वारदातों को अंजाम देने के तरीके का अध्ययन किया।
इसके बाद दर्जनभर संदेही चिन्हित किए।
लोकेश पूर्व में एवीएन बजाज शो रूम में 9 लाख की चोरी में पकड़ा गया था। उसी के जैसा यहां भी लॉकर काटने के लिए ग्राइंडर मशीन का उपयोग किया था, उस पर शक गहराया और पकड़ा गया।
टीम- 1.
एसएसपी रोहित झा के नेतृत्व में निरीक्षक गौरव तिवारी ने विभिन्न बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए घटना का तकनीकी विश्लेषण किया।
टीम-2
उप पुलिस अधीक्षक उन्नति ठाकुर और निरीक्षक जितेंद्र वर्मा ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला।
टीम-3
परि. उप पुलिस अधीक्षक डॉ. चित्रा ठाकुर , विजय राजपूत और निरीक्षक बृजेश कुशवाहा ने 125 लोगों से पूछताछ की।
टीम-4
निरीक्षक गोपाल वैश्य ने अपनी टीम के साथ बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन में यात्रियों की जांच व पूछताछ की।
टीम-5
निरीक्षक भूषण एक्का, उप निरीक्षक राजेंद्र कंवर होटल, लॉज , ढाबा व टोल नाके से जानकारी ली।
टीम-6
निरीक्षक नरेश पटेल वरदात के तरीकों को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों से संपर्क कर जानकारी जुटाते रहे।