महोत्सव के दौरान जन्मकल्याणक हुआ बुधवार को महोत्सव के दौरान जन्मकल्याणक हुआ। जहां प्रतिष्ठाचार्य जयकुमार शास्त्री, केके जैन शास्त्री, श्रेयांस शास्त्री ने धार्मिक विधिविधान के साथ सुबह 6 बजे जाप्यानुष्ठान, जिनाभिषेक, शांतिधारा व नित्यमह पूजन के बाद भगवान के जन्म की घोषणा की। जन्म की घोषणा के साथ की बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। इंद्रसभा में सौधर्म इंद्र के आगमन के बाद इंद्राणी द्वारा तीर्थंकार बालक को गर्भगृह से बाहर लाया गया।
बालक्रीडा की नाट्य प्रस्तुति जहां सौधर्म इंद्र इंद्राणी ने तीर्थंकर बालक को गोद में उठाकर दुलार किया। इस अवसर पर भगवान के मातापिता, कुबेर इंद्र, महायज्ञ नायक, विधि नायक, महेन्द्र, इंद्र, सनत इंद्र और अन्य सभी इंद्र इंद्राणियों ने भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना की। रात को इंद्र द्वारा तांडव नृत्य व तीर्थंकर पालना और बालक्रीडा की नाट्य प्रस्तुति शास्त्र सभा के बाद दी गई।
जबलपुर के विद्यार्थियों ने दी प्रस्तुति प्रतिभास्थली स्कूल जबलपुर के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। जहां जबलपुर के हथकरघा द्वारा निर्मित वस्त्रों को भी मंच पर दिखाया गया। ब्रह्मचारी डॉ. रेखा व डॉ. नीलम जैन द्वारा संस्कार शिविर में सैड़ों बच्चों को स्वर्ण बिंदुक प्रासन पिलाया गया।