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भिलाई

उत्तराखंड में फंसे छत्तीसगढ़ के 55 पर्यटकों की सकुशल वापसी की कोशिशें तेज, CM ने की बात, दिलाया मदद का पूरा भरोसा

NDRF की टीम और नैनीताल के जिला प्रशासन की मदद से उन्हें बुधवार शाम को नैनीताल पहुंचाया गया। सभी के सुरक्षित नैनीताल पहुंचने के बाद परिजनों ने अब राहत की सांस ली।
 

भिलाईOct 21, 2021 / 10:51 am

Dakshi Sahu

उत्तराखंड में फंसे छत्तीसगढ़ के 55 पर्यटकों की सकुशल वापसी की कोशिशें तेज, CM ने की बात, दिलाया मदद का पूरा भरोसा

उत्तराखंड में फंसे छत्तीसगढ़ के 55 पर्यटकों की सकुशल वापसी की कोशिशें तेज, CM ने की बात, दिलाया मदद का पूरा भरोसा

भिलाई. उत्तराखंड में हुई बादल फटने की घटना में फंसे भिलाई के सभी 55 लोगों को सुरक्षित नैनीताल पहुंचा बुधवार को शाम करीब 4 बजे तक सारे लोग होटल डायनेस्टी पहुंचे। सभी लोग मंगलवार शाम से खैरनी के सरकारी स्कूल में थे। जहां एनडीआरएफ की टीम और नैनीताल के जिला प्रशासन की मदद से उन्हें बुधवार शाम को नैनीताल पहुंचाया गया। सभी के सुरक्षित नैनीताल पहुंचने के बाद परिजनों ने अब राहत की सांस ली। इधर बुधवार देर शाम सीएम भूपेश बघेल ने भी भिलाई के पर्यटकों से फोन पर संपर्क करके बातचीत की। उन्हें राज्य सरकार की ओर से मदद का भरोसा दिलाया।
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होटल पहुंचने के बाद सभी ने सबसे पहले अपने मोबाइल को चार्ज किया और अपने-अपने परिजनों को सलामती की सूचना दी। जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली और घर में खुशियों का माहौल रहा। नैनीताल के कलेक्टर धिराज सिंह गढ़रियाल ने बताया कि मौसम साफ होने के बाद दिल्ली तक जाने का रास्ता भी खुल चुका है। अब भिलाई के लोग आसानी से दिल्ली पहुंच सकेंगे।
इधर दोपहर को सांसद विजय बघेल के घर उत्तराखंड में फंसे लोगों के परिजन मिलने पहुंचे। बीएसपी वक्र्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जलव दत्ता के साथ पहुंचे इन सभी लोगों को परेशान देख सांसद बघेल ने नैनीताल सांसद के पीए भारत तिवारी और वहां के कलेक्टर धिराज सिंह गढ़रियाल से बातचीत की और रेस्क्यू के बारे में जाना। वही पूर्व साडा अध्यक्ष बृजमोहन सिंह भी लगातार 12 घंटे से लोगों की मदद के लिए लगे रहे। बृजमोहन सिंह के रिश्तेदार नैनीताल और खैरनी में होने की वजह से वे सीधे इन लोगों से जुड़े और उन्हें सुरक्षित नैनीताल तक पहुंचाया।
तीन ग्रुप में लौटे
खैरनी गांव में फंसे भिलाई के लोग ग्रुप में वापस लौटे। सबसे पहले ग्रुप में 15 लोगों ने वहां अपने स्तर पर गाड़ी की व्यवस्था की और दोपहर तक नैनीताल पहुंचे। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने कांचीधाम के पास फंसी इनकी गाड़ी को वहां से निकाला और फिर उसी में उन्हें नैनीताल भेजा। दूसरे ग्रुप में 35 और तीसरे ग्रुप में 5 लोग पहुंचे। शाम तक सभी होटल पहुंच चुके थे। महिलाओं ने बताया कि उनके लिए दिल्ली तक जाने बस का इंतजाम किया गया है। अब इसके लिए उन्हें खुद पैसे देने होंगे या यह प्रशासन की ओर से मदद है, यह अब तक उन्हें पता नहीं। इधर कई ऐसी महिलाएं है जिनके पास पैसे भी नहीं है, कि वे दिल्ली से घर तक पहुंच सके।
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ताला तोड़कर गए स्कूल में
प्रसन्नजीत दास ने बताया कि उनकी पत्नी सुमन और बेटियों ने बताया कि रात में उन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। वे पहले मंदिर में सभी रूके थे, लेकिन वहां सांप और बिच्छू होने की वजह से वे सभी नजदीक के स्कूल में गए, लेकिन वहां स्कूल में ताला लगा था, जबकि उन्हें यह बताया गया कि वहां उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था है। इसके बाद उन्होंने मिलकर ताला तोड़ा और स्कूल में शरण ली।
सांसद ने लिए है नाम
दिल्ली से सभी को फ्लाइट से रायपुर पहुंचाने सांसद विजय बघेल ने सभी पर्यटकों के नाम और डिटेल ली है, लेकिन अब तक उन्होंने क्या व्यवस्था की है, यह साफ नहीं हुआ है। परिजनों का कहना है कि जब तक उनके परिवार के सदस्य लौट कर नहीं आते, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
भिलाई में रहकर की मदद
पूर्व साडा अध्यक्ष बृजमोहन सिंह को जैसे ही भिलाई के 55 लोगों के उत्तराखंड में फंसे होने की जानकारी मिली, उन्होंने भिलाई में रहकर ही उनकी मदद की। दरअसल उनका पैतृक गांव नैनीताल के पास ही है। जिसकी वजह से उनकी छोटी बहन सहित कई रिश्तेदार वहां है। वही जिस खैरनी गांव में 55 लोग रुके थे, वही उनकी बहन का घर है, इसलिए उन्होंने तत्काल अपने रिश्तेदारों को भेजकर सभी की खैरखबर ली और उन्हें नैनीताल पहुंचने में मदद की। बृजमोहन सिंह ने बताया कि नैनीताल प्रशासन से लोगों को ज्यादा मदद नहीं मिली। आधे से ज्यादा लोग अपने खर्चे पर गाड़ी कर नैनीताल पहुंचे हैं और दिल्ली पहुंचने के लिए भी उन्हें अपना जुगाड़ करना पड़ रहा है।

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