उत्पादन पर नहीं पड़ा असर
भारी औद्योगिक क्षेत्र, हथखोज, भिलाई के एक केमिकल उद्योग के खिलाफ शिकायत मिलने पर पर्यावरण विभाग ने जांच करवाया। जांच में शिकायत सही मिली। तब भी उत्पादन जारी है। कार्रवाई के मामले में शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हो पाते। विभाग दस्तावेजों में अपनी कार्रवाई को पुख्ता बताने में कामयाब हो जाता है। वहीं न तो वायु प्रदूषण पर इसका असर पड़ रहा है और न जल प्रदूषण में। बोरिंग से आने वाले पानी का रंग और गंध दोनों बता रहे हैं, कि कैमिकल इसमें मिला हुआ है।
यह थी शिकायत
शिकायतकर्ता ने बताया था कि उक्त उद्योग फैब्रिकेशन से संबंधित कार्य करता है। आवंटित भूमि से अधिक पर कब्जा कर लिया है। अत्यधिक प्रदूषण फैला रहा है। आसपास के कार्यरत कर्मियों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा है। उक्त उद्योग के खिलाफ कई बार लोगों ने शिकायत की है। इसके बाद भी प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो रहा है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ता ने इसकी तात्कालीन मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री से भी शिकायत की।
जांच में सही मिली शिकायत
शिकायत पर पर्यावरण विभाग के संभाग कार्यालय से टीम उद्योग का निरीक्षण करने के लिए 2 अप्रैल 19 को पहुंची। जांच के दौरान उद्योग बिना वैद्य जल व वायु सम्मति के संचालित होना पाया गया। इसके आधार पर कार्रवाई करने के लिए विभाग की टीम ने तैयारी शुरू की।
बिजली काटने जारी किया आदेश
उद्योग को जल व वायु प्रदूषण कके लिए अधिनियम के तहत विद्युत विच्छेद के लिए आदेश जारी किया गया। इसके बाद विभाग को उद्योग के संचालक से आवेदन दिया गया। विभाग ने भी पत्र जारी कर दिया।
होता रहा उत्पादन
इस तरह से पूरी प्रक्रिया इस तरह से पूरी कर दी गई, कि उत्पादन पर कोई असर न पड़े। उत्पादन प्रभावित नहीं होने से प्रदूषण भी बाधित नहीं हुआ। वायु और जल प्रदूषण निरंतर जारी है। इसका बुरा असर उद्योग के करीब जल स्रोत पर देखने को मिलता है।