घर-घर तक पहुंचाने बनाते हैं बोतल
डेंगू से निपटने के लिए बीएसपी पीएचडी 2018 से लगातार टेमीफास दवा का इस्तेमाल कर रहा है। विभाग टेमीफास और पानी से मिलाकर छोटी-छोटी बोतल भी तैयार करता है। जिसे टाउनशिप में लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता है। यह दवा टाउनशिप के लोग कूलरों और आसपास पात्रों में एकत्र पानी में डालते हैं। बीएसपी से दवा मिली होती है, इस वजह से उस पर लोगों को पूरा भरोसा होता है। यहां उनके भरोसे को कायम रखना भी जरूरी है।
दस हजार लीटर में आधा बोतल डालते हैं दवा
विभाग दस हजार लीटर के टेंकर में आधा लीटर टेमीफास दवा का इस्तेमाल करता है। यह दवा बेहद स्ट्रांग होती है और अच्छा काम करती है। वहीं अगर एक्सपायरी दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है, तब उससे मिलने वाला फायदा नहीं होगा। डेंगू का मच्छर कूलरों में दवा डालने का बाद भी पनपता रहेगा। केके यादव, प्रभारी अधिकारी, पीएचडी ने बताया कि यह काम अब ठेके पर चल रहा है। पहले लिक्विड टेमिफोस का इस्तेमाल किया जाता था। अब ठेका हो चुका है और वे पावडर दवा का उपयोग कर रहे हैं।
उठ रहे सवाल
बीएसपी में दवा की खरीदी मेडिकल विभाग के माध्यम से की जाती है। पर्चेस के जिम्मेदार अधिकारी इस तरह की दवा कैसे खरीद सकते हैं जो दस माह पहले एक्सपायरी हो चुकी है और अब तक मौजूद है।टाउनशिप के स्वास्थ्य से जुड़े मामले में इस तरह की लापरवाही कैसे बरती जा सकती है। विभाग ने इसके पहले कितने बोतल दफनाए, इसका जवाब भी सामने नहीं आ रहा है। अब तक जो बोतल उपयोग हुई, उसकी जांच बीएसपी प्रबंधन करेगा।
ऑडिट के बाद करेंगे नष्ट
भिलाई इस्पात संयंत्र जनसंपर्क विभाग ने बताया कि बीएसपी ने टेमिफोस दवाइयां 2018 में खरीदी गई। उस समय एक्सपायरी नहीं थी। 2020 अगस्त से 2020 दिसंबर में एक्सपायरी हुई है। 2019 में नया कॉन्ट्रैक्ट आ गया। जिसमें कांट्रेक्टर द्वारा टेमिफोस घोल उपलब्ध करवाया जाता है। पुरानी दवा विभागीय ऑडिट के बाद उचित वयस्था के तहत विभाग द्वारा नष्ट किया जाएगा।
विनिष्टीकरण के लिए रखते हैं बोतल
जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग डॉक्टर सीबीएस बंजारे ने बताया कि टाउनशिप में दवा का इस्तेमाल किया जा रहा था या उसे नष्ट करने रखा गया था। यह जांच का विषय है। यह इस तरह की दवा होती है कि जिसे आम दवाओं की तरह किसी भी स्थान पर डाला नहीं जा सकता। इस वजह से कई बार एकत्र कर एक साथ विनिष्टीकरण किया जाता है।