जिन स्कूलों ने अधिक फीस बढ़ाई है। उन स्कूल संचालकों को 15 दिन में बढ़ाई हुई फीस वापस देने के आदेश दिए हैं। साथ ही स्कूलों को अपना पक्ष रखने का भी मौका दिया है। स्कूल संचालक 23 जुलाई को जिला फीस समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। 15 जुलाई को जिला फीस समिति की बैठक हुई थी जिसमें 7 अशासकीय विद्यालयों में 8त्न से अधिक शुल्क वृद्धि पाई गई थी।
समिति ने बैठक में सत्र 2019-20 को आधार वर्ष मानते हुए शुल्क में अधिकतम 8त्न वृद्धि मान्य की और जिन स्कूलों ने ज्यादा फीस बढ़ाई उन पर जुर्माना लगाया। इन स्कूलों में डीएवी पब्लिक स्कूल हुडको भिलाई, एमजीएमसी स्कूल सेक्टर-6 भिलाई, इंदु आईटी स्कूल कुरूद भिलाई, शारदा विद्यालय रिसाली भिलाई एवं शकुंतला विद्यालय रामनगर भिलाई शामिल है।
डीएवी सेक्टर 2 स्कूल पर भी जुर्माना लगना तय था, लेकिन डीएवी सेक्टर 2 प्रबंधन ने बीएसपी छात्रों को दी जाने वाली छूट का हवाला दिया। जिसके बाद समिति ने उस पर से जुर्माना हटा लिया। लेकिन इस स्कूल की भी शिकायत पालकों ने की थी, क्योंकि यहां नॉन बीएसपी बच्चों के पालकों से शत-प्रतिशत फीस वसूली जाती है। इसलिए पालकों का कहना था कि इन स्कूल के पालकों को भी राहत मिलनी चाहिए थी। डीईओ एवं सचिव जिला फीस समिति प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि जिला फीस समिति ने 5 स्कूलों पर जुर्माना लगाया है। प्रदेश में दुर्ग पहला जिला है, जहां फीस समिति की तीसरी बैठक में ही कार्रवाई हो गई। स्कूल संचालकों को पहली दो बैठकों में फीस कम करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन वे नहीं माने और समिति ने यह कार्रवाई की।