बैठक में कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि टाउनशिप के अलग-अलग सेक्टर में पानी के खुलने का समय और बिजली गुल होने का समय दोनों अलग-अलग है। इसकी वजह से जब पानी खुलता है, तब पंप चालू कर लोग पानी खींच लेते हैं। जिससे लोगों के घर पूरे फोर्स में पानी नहीं पहुंच रहा है।
पीआर वर्मा ने कहा कि हाउसलीज का आंदोलन पर्याप्त ठोस आधार व कारणों के तहत किया जा रहा है। इस वजह से इस आंदोलन में पूर्व कार्मिक व वर्तमान कार्मिक लगातार जुड़ कर समिति को मजबूत कर रहे हैं। इससे संघर्ष व आंदोलन को बल मिल रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि रिटायर्ड कर्मियों के लिए 2019-20 के मेडिक्लेम स्कीम को तय समय पर पूरा नहीं कर, उसे अस्थायी रूप से 3 माह के लिए बढ़ाने पर आशंका जताई जा रही है, कि बाद में इसके प्रीमियम राशि में इजाफा किया जाएगा। वह पूर्व कर्मियों के लिए असहनीय आर्थिक बोझ का कारण बनेगा। इसके लिए अतिरिक्त भारी अब प्रबंधन को देना होगा।
कमेटी के सदस्यों ने कहा कि बीएसपी हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ सामान्य डॉक्टर्स की कमी भी दूर नहीं की जा रही है। जिससे पूर्व कार्मिकों को परेशानी हो रही है। पूर्व ओए के साथ लीज संघर्ष कमेटी इस मामले में है। बैठक में अध्यक्ष राजेंद्र परगनिहा, पीसी शर्मा, पीआर वर्मा, राजेंद्र शर्मा, बीपी राजपूत, टीकम वर्मा, बीपी चौरसिया, शत्रुहन धनकर, नारद, पुनाराम जयसवाल, तेनसिंग राजपूत, नंदकुमार वर्मा, प्रजापति, हरेंद्र पांडेय, गंगा प्रसाद, अवधेश पांडेय, लियाकत अली, चेतन यादव, एमजी बेग, सत्यदेव प्रसाद, रमेश पाल, एसएल चंद्रवंसी, गजानंद, तुलसी साहू, शंकर साहू, सुरेंद्र मोहंती, आरके चौबे, बोरकर, देवदास, एमआर अनंत, राजहरा से रमेश पेंढारकर, जीएल देवदास मौजूद थे।