जांच का देना होगा न्यूनतम शुल्क
अस्पताल के लैब में मरीजों को विभिन्न जांच की सुविधा तो मिलेगी, लेकिन इसके एवज में न्यूनतम शुल्क देना होगा। शुल्क कितना लिया जाए, यह जीवनदीप समिति तय करेगी। अस्पताल प्रबंधन मरीजों को सुविधा देने के साथ-साथ मशीन को हमेशा बेहतर रखने के लिए शुल्क तय करने जा रहा है। निजी लैब की अपेक्षा सरकारी अस्पताल में इसकी कीमत खासी कम रहने की उम्मीद है।
मशीन के लिए एसी जरूरी
मशीन को सिविल अस्पताल में जिस जगह पर इस्टॉल किया जाना है, वहां एयर कंडीशन लगा दिए हैं। रायपुर से कंपनी के विशेषज्ञ आकर उसे इस्टॉल करेंगे। जिसके बाद यह काम करने लगेगी। इस मशीन के लिए लैब में अलग से बंद केबिन की व्यवस्था भी की जा रही है। जिससे धूल वगैरह से इसकी हिफाजत की जा सके।
जांच में लगेगा कम समय
फुली ऑटोमेटिक बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर मशीन लगने से एक साथ पचास सैंपल जांच के लिए लगाए जा सकेंगे और समय बचेगा। एक-एक सैंपल लगाने की जरूरत नहीं होगी। इससे अधिक-अधिक मरीजों को फायदा पहुंचेगा और जांच रिपोर्ट भी जल्दी तैयार होगी। इसके अलावा इस मशीन से जांच करना अधिक विश्वसनीय होगा। अस्पताल में लीवर, किडनी व फैड की जांच के लिए यह बेहतर सुविधा है।
किट के साथ हो जाती है मशीन एक करोड़ की
फुली ऑटो एनालाइजर मशीन की कीमत जरूर 30 लाख के आसपास है, लेकिन इस्टॉल करने के दौरान क्लीनर समेत तमाम सामानों को लगाया जाएगा जिसकी कीमत अधिक है। जैसे क्लीनर ए और बी का उपयोग होगा जिसकी कीमत 80 हजार से अधिक है। तीन अलग-अलग किट लगाया जाएगा जिसकी कीमत 25 लाख से अधिक है। इस तरह से इस मशीन को शुरू करने तक एक करोड़ से अधिक का खर्च आना है।
सीएमएचओ से मांगी थी मशीन
डॉक्टर पीयाम सिंह, प्रभारी, सिविल हॉस्पिटल, सुपेला ने बताया कि फुली ऑटो एनालाइजर मशीन की जरूरत है, इस बात से सीएमएचओ डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर को अवगत करवाए थे। सीएमएचओ ने कलेक्टर की अनुमति से मरीजों को बेहतर सुविधा मिले, इसलिए यह मशीन दी है।
अब हो सकेंगी मरीजों की मुख्य जांच
– बिलिरूबीन
– यूरिया एसिड जांच,
– टोटल प्रोटिन जांच,
– एसजीपीटी जांच,
– एलएफटी-लिवर संबंधी सभी जांच
– टोटल लिपिड प्रोफाइल-कॉलेस्ट्रोल की जांच
– आरएफटी- किडनी की जांच
– फास्टिंग व पीपी- डायबिटीज की जांच
– सीआरपी- बच्चों के इंफेक्शन की जांच