कोरोना की पहली लहर के दौरान होम आइसोलेशन के किट में सात अलग-अलग दवा दी जा रही थी। उस वक्त बहुत अधिक मरीज घर में ही रहकर ठीक हो रहे थे। बेहतर रिकवरी के नाम पर केंद्र सरकार की टीम ने तब जिले की पूरी टीम को सराहा था। इसके बाद उस किट में से दो दवा को दिसंबर 2020 से कम कर दिया गया। मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के वक्त किट में कम दवा होने का नुकसान सामने आने लगा, फिर वापस दवाओं को बढ़ाया गया।
किट में विभाग ने पहले टैबलेट पैरासिटामॉल और टैबलेट एजिथ्रोमाइसीन 500 एमजी दिया जा रहा था। जिसे बंद कर दिया गया है। इसके बाद टैबलेट हाईड्रॉक्सीव टैबलेट हाईड्रॉक्सी अलग-अलग एमजी की दवा को भी देना बंद कर दिया। उसके स्थान पर टैबलेट इवरमेक्टिन और टैबलेट डॉक्सीसाइक्लिनदेना शुरू कर दिए हैं। इस तरह से जिन दवाओं की वजह से सराहना मिली थी, उन दवाओं को ही धीरे-धीरे कर बदल दिए हैं। अब फिर एक बार दवाओं को कम किया गया है।
डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर, सीएमएचओ दुर्ग ने बताया कि केंद्र की गाइड लाइन के मुताबिक दवाओं को किट से कम किया गया है। जिन दवाओं की मरीजों को जरूरत है, वह दवा दी जा रही है।
1 – विटामिन सी (टेब) (खाने के बाद) एक गोली सुबह, एक शाम को,
2 – मल्टीविटामिन (खाने के बाद), एक गोली दिन में एक बार,
3 – पैरासिटामॉल दिन में तीन बार जरूरत पडऩे पर (अगर सिर दर्द, बुखार, हाथ पैर में दर्द हो तो),
4 – सिट्रीजिन एक गोली रोज रात में सोने से पहले 3 दिन तक,
5 – ओमेप्राजोल, एक गोली सुबह खाली पेट में।
1 – इवरमेक्टिन (12 एमजी) 1 गोली, (खाने के दो घंटे के बाद)
2 – हाक्सीसाइक्लिन (100 एमजी) दिन में दो बार,
3 – जिंक (20 एमजी) 1-1 गोली दिन में दो बार (खाना खाने के बाद)