विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि विद्यार्थी लॉकडाऊन की अवधि में भ्रामक समाचारों से परेशान न हों। यदि उनके पास घर पर कॉपी या खुले पन्ने प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपलब्ध नही हैं तो ऐसे विद्यार्थी लॉकडाऊन समाप्ति के बाद भी उत्तर लिखकर जमा कर सकते हैं। विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने बताया कि उन्होंने दुर्ग विवि परिक्षेत्र के अंदर आने वाले पांचों जिले के कलेक्टर्स को पत्र भेजकर यह अनुरोध किया था कि विद्यार्थी की ऑनलाइन परीक्षा को ध्यान में रखते हुए स्टेशनरी की दुकानें सभी जिलों में एक निर्धारित अवधि के लिए खोली जाए। विवि के आग्रह पर बालोद, बेमेतरा, कवर्धा और राजनांदगांव जिले के कलेक्टरों ने परीक्षा के मद्देनजर स्टेशनरी दुकानों को सुबह 8 से 12 बजे तक खोलने के आदेश जारी कर दिया है।
फिलहाल 5 मई से केवल सेमेस्टर वाले नियमित विद्यार्थियों की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं। वार्षिक परीक्षा वाले स्वाध्यायी परीक्षाओं की तिथि विवि बाद में घोषित करेगा। विवि की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे प्रश्नपत्रों को मुख्य परीक्षा के स्वाध्यायी विद्यार्थी हल नहीं करें। बीते साल एक साथ प्रश्नपत्र अपलोड होने के कारण विवि की वेबसाइट क्रैश हो गई थी। इस बार विवि वेबसाइट लोड को कम रखने के लिए कक्षा वार एवं तिथिवार प्रश्नपत्र अपलोड करेगा।
डीसीए, पीजीडीसीए, पीजी डिप्लोमा इन योगा के प्रश्नपत्र अपलोड हुए। 6 मई को एलएलबी के प्रथम तृतीय व पंचम सेमेस्टर और द्वितीय चतुर्थ व 6वें सेमेस्टर के एटीकेटी के प्रश्नपत्र, 7 मई को सभी विषयों के एमएसएसी तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र और 8 मई को एमकॉम के प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र अपलोड होंगे। 9 मई को एमएससी के सभी विषयों के प्रथम सेमेस्टर कक्षा के प्रश्नपत्र अपलोड होंगे।
बीबीए व एमएड के प्रश्नपत्र 10 मई को और 11 मई को एमए की सभी विषयों के तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र अपलोड होंगे। 12 मई को एमए के सभी विषयों के प्रथम सेमेस्टर और 13 मई को बीएड तृतीय सेमेस्टर एवं 14 मई को बीएड प्रथम सेमेस्टर के प्रश्नपत्र अपलोड किए जाएंगे। ये सभी प्रश्नपत्र की उत्तरपुस्तिका जमा करने विवि अलग से तिथियां बताएगा। डॉ. सीएल देवांगन, कुलसचिव, दुर्ग विवि ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षा की शुरुआत 5 मई से हो रही है। विवि ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। प्रश्नपत्र परीक्षा तिथि के अनुसार ही अपलोड किए जाएंगे ताकि वेबसाइट पर लोड न पड़े। विद्यार्थी किसी भी तरह की परेशानी होने पर विवि से संपर्क कर सकेंगे।